भिवानी, 29 अक्तूबर (हप्र)
वरिष्ठ कांग्रेस नेता नरेश तंवर जीएम ने कहा कि जो भाजपा सरकार अपने आप को किसान हितैषी बताती थी, उसके राज में हरियाणा में किसान डीएपी खाद के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। दादरी-भिवानी जिले में कम से कम 3 लाख 40 हजार एकड़ के लगभग सरसों बिजाई होती है जिसमें से केवल 15 फीसदी बिजाई अब तक हुई है। किसानों को सरसों एवं गेहूं की बिजाई से पहले डीएपी खाद की बिजाई करनी होती है।
हरियाणा में पैक्स, सोसायटी व हैफेड, मार्केट कमेटी व सरकारी दुकानों पर इसकी बिक्री होती है। सरकार की गलत नीतियों के कारण आज पूरे हरियाणा में डीएपी के लिए पैक्स, सोसायटी व पैक्स व सरकारी दुकानों पर बहुत मारामारी चल रही है। डीएपी खरीदने की आस में प्रदेश का किसान सुबह ही बिक्री केन्द्रों पर पहुंच जाते हैं लेकिन इसके बावजूद उन्हें डीएपी नहीं मिलता और वे सायं को निराश होकर खाली हाथ घर को लौट जाते हैं।
तंवर ने कहा कि जबकि भारत सरकार द्वारा डीएपी का आयात हर वर्ष करवाया जाता है। उस पर पांच फीसदी का टैक्स सरकार द्वारा लगाया जाता है। डीएपी की कमी के बारे में जब सरकार के प्रतिनिधि से सवाल पूछा जाता है तो उनका कहना होता है कि जल्द ही डीएपी उपलब्ध करवा दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि डीएपी की कमी बनी हुई है क्योंकि मांग से बहुत ही कम डीएपी आयात की जा रही है। भारत में केवल इफको द्वारा ही डीएपी का उत्पादन किया जाता है, जिससे मांग पूरी नहीं हो पा रही है।
उन्होंने कहा कि जब तक सरकार पर्याप्त मात्रा में डीएपी आयात नहीं करेगी तब तक यह समस्या बनी रहेगी। हरियाणा सरकार को चाहिए कि तुरंत प्रभाव से इफको के उच्चाधिकारियों से बात कर डीएपी खाद का रैक लगाये ताकि किसानों को राहत मिल सके और सरसों व गेहूं की बुआई समय पर हो सके।