नारनौल, 30 अक्तूबर (हप्र)
भारतीय मजदूर संघ से संबंधित स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का प्रतिनिधिमंडल राज्य कमेटी सदस्य हरकेश के नेतृत्व में स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव से उनके गुरुग्राम स्थित निवास स्थान पर मिला तथा ज्ञापन सौंपते हुए सेवा नियमों को फ्रीज करने बारे में आपत्ति दर्ज करवाई। प्रतिनिधिमंडल में डा. पुष्पेंद्र, विनोद राव, फ्लीट मैनेजर उमेश, भूपेंद्र यादव, सतेंद्र चौहान, रेवाड़ी से रवींद्र्र, फरीदाबाद से धरवेन्द्रा व धीरज शामिल थे। हरकेश ने बताया कि एनएचएम कर्मचारियों को लंबे संघर्ष के बाद भाजपा सरकार द्वारा 1 जनवरी 2018 से सेवा नियम लागू किए गए थे। जिसमें 5 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके एनएचएम कर्मियों को छटे वेतन आयोग के हिसाब से मूल वेतन, महंगाई भत्ता इत्यादि का लाभ प्रदान किया गया था। अन्य कर्मचारियों को अप्रैल 2016 से सातवें वेतन का लाभ प्रदान किया गया है इसलिए एनएचएम कर्मचारी भी सातवें वेतन आयोग को लागू करने के लिए बार-बार आंदोलन कर रहे थे तथा 2 नवंबर 2021 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा एनएचएम कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई थी, जो कि आज तक लंबित है। जिलाध्यक्ष डा. पुष्पेन्द्र ने बताया कि दीपावली के अवसर पर सरकार द्वारा एक तरफ तो अन्य कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देकर खुश किया जा रहा है, दूसरी तरफ एनएचएम कर्मचारियों का जनवरी 2024 का महंगाई भत्ता अनाधिकृत तरीके से रोका हुआ है ओर प्रत्येक 2-4 महीने में सेवा नियमों को रोकने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया जाता है। जिसके कारण एनएचएम कर्मचारियों को मानसिक व आर्थिक शोषण हो रहा है।