विवेक शर्मा/ट्रिन्यू, चंडीगढ़, 2 नवंबर
Preventive Clinic In PGI: हृदय रोग जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए पीजीआई चंडीगढ़ ने एक विशेष प्रिवेंटिव क्लिनिक शुरू किया है। यह क्लिनिक न केवल हृदय स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का संदेश देता है, बल्कि इसे सही समय पर अपनाकर रोग से बचाव को भी सशक्त बनाता है।
पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने इस प्रिवेंटिव क्लिनिक का उद्घाटन करते हुए निवारक उपायों के महत्व पर जोर दिया। अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य अनुभव साझा करते हुए, उन्होंने कहा, “वजन प्रबंधन, साइकिलिंग, और योग जैसी गतिविधियों को दिनचर्या में शामिल करके हम कई जीवनशैली से संबंधित बीमारियों से बच सकते हैं। यह एक आजीवन यात्रा है, जिसमें हम सभी को अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए।”
हर व्यक्ति के लिए विशेष स्वास्थ्य मार्गदर्शन
इस प्रिवेंटिव क्लिनिक का संचालन एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीलम की देखरेख में किया जाएगा। यहां आगंतुकों का आहार, मानसिक स्थिति, और शारीरिक गतिविधियों का विस्तृत मूल्यांकन किया जाएगा। इसके आधार पर प्रत्येक व्यक्ति को व्यक्तिगत स्वास्थ्य सुझाव और आवश्यक हस्तक्षेप प्रदान किए जाएंगे। यह क्लिनिक हर बुधवार और शनिवार को सुबह 9 से 10 बजे तक कार्यरत रहेगा।
हृदय और मानसिक स्वास्थ्य का गहरा संबंध
मनोचिकित्सा विभाग के डॉ. कृष्ण ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य और हृदय रोग का गहरा संबंध है। उन्होंने कहा, “तनाव और मानसिक समस्याएं अक्सर हृदय रोग को बढ़ावा देती हैं, इसलिए हमारा क्लिनिक इन पहलुओं पर भी संजीदगी से काम करेगा।”
संतुलित आहार के जरिए हृदय का संरक्षण
पीजीआई की मुख्य डाइटिशियन डॉ. नैन्सी साहनी ने बताया कि आहार संबंधी पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में आहार का महत्वपूर्ण योगदान है। हम मरीजों को संतुलित और स्थायी आहार परिवर्तनों के बारे में मार्गदर्शन देंगे, ताकि वे हृदय रोग से बचाव कर सकें।”
जानकारी और मार्गदर्शन के लिए पुस्तिका
क्लिनिक में आने वाले मरीजों और उनके देखभालकर्ताओं को एक जानकारीपूर्ण पुस्तिका भी दी जाएगी, जिसमें हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जीवनशैली, आहार, और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सुझाव होंगे। पीजीआई का यह प्रिवेंटिव क्लिनिक संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की दिशा में एक ठोस कदम है। यह पहल संस्थान की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसमें चिकित्सा मार्गदर्शन के साथ-साथ जीवनशैली में सुधार के जरिए संपूर्ण स्वास्थ्य का संरक्षण शामिल है।