सोनीपत, 4 नवंबर (हप्र)
दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल की टीचिंग एसोसिएशन डीक्रूटा ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने के आरोप लगाए हैं। डीक्रूटा का आरोप है कि प्रशासन अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए शिक्षकों व छात्रों को प्रताड़ित कर रहा है। उनका कहना है कि बीटेक प्रथम सेमेस्टर के छात्रों का सिलेबस अब तक तय नहीं हुआ है, लेकिन छात्रों को परीक्षा देने पर मजबूर किया जा रहा है।
डीक्रूटा प्रधान डॉ. अजय कुमार ने कहा कि किसी भी नयी स्कीम व सिलेबस को लागू करने के लिए विधानसभा में पास यूनिवर्सिटी एक्ट के अनुसार ही कार्य करना होता है। इसमें सबसे पहले बोर्ड ऑफ स्टडी से स्कीम व सिलेबस को अप्रूव किया जाता है। उसके बाद फैकल्टी से अप्रूव करने के बाद एकेडमिक काउंसिल को अप्रूवल के लिए भेजा जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन इसके विपरीत अपनी मनमाफिक कमेटियां बनाकर हरियाणा विधानसभा में पास विश्वविद्यालय एक्ट की धज्जियां उड़ा रहा है। इतना ही नहीं, अपनी मनमर्जी की स्कीम व सिलेबस शिक्षकों व छात्रों पर थोप रहा है। छात्रों के सिलेबस का अभी तक कोई अता-पता नहीं है। विश्वविद्यालय प्रशासन सिलेबस पर चुप है। छात्रों को बिना सिलेबस बीटेक प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा देनी पड़ रही हैं। मिड सेमेस्टर की परीक्षा 4 नवंबर से शुरू कर दी गई है। डॉ. अजय कुमार ने कहा कि प्रशासन के तुगलकी फरमानों के कारण बीटेक प्रथम वर्ष के छात्रों को पढ़ाई का भारी नुकसान हो रहा है। यूनिवर्सिटी एक्ट के तहत बिना मंजूर हुई स्कीम व सिलेबस को छात्र पढ़ने व शिक्षक बिना सिलेबस पढ़ाने पर मजबूर हैं।
इस संबंध में डीक्रूटा ने अपना ज्ञापन राज्यपाल, मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को भेजा है। ज्ञापन में कहा गया है कि विश्वविद्यालय को बर्बाद होने से बचाया जाये व छात्रों के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोका जाए।