जींद (जुलाना) (हप्र) : मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मोनिका ने सोमवार को नशामुक्ति केंद्र का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान नशामुक्ति केंद्र में 11 व्यक्ति उपस्थित थे। प्राधिकरण सचिव ने नशे की परिभाषा से लेकर, उसके प्रकार, प्रतिबंधित और चेतावनीयुक्त नशों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि नशे को मनुष्य के लिए घातक माना गया है। प्राधिकरण सचिव ने केंद्र में रह रहे व्यक्तियों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी ली और जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए तथा उनके रहने-सहने के बारे में विस्तार से जानकारी ली। प्राधिकरण सचिव ने नशामुक्ति केंद्र के स्टाफ को निर्देश दिए कि व्यक्तियों की देखरेख में कोई कमी नहीं आनी चाहिए तथा उनके स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी लापरवाही न की जाए।