चंडीगढ़, 4 नवंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा के तकनीकी शिक्षा मंत्री महिपाल सिंह ढांडा ने कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन सहित रोजगारपरक कोर्सों को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए उद्योगों के साथ तालमेल कर पास आउट होने वाले विद्यार्थियों की अधिक से अधिक प्लेसमेंट सुनिश्चित हो, इस पर हमें भविष्य में जोर देना होगा। शिक्षा मंत्री सोमवार को पंचकूला स्थित तकनीकी शिक्षा निदेशालय में अधिकारियों को समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दे रहे थे।
बैठक में शिक्षाविदों, परीक्षाओं, और उद्योग भागीदारों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) और छात्र परिणामों में सुधार के लिए रणनीतियां बनाने पर भी चर्चा की गई। शिक्षा मंत्री ने कहा कि 21वीं सदी की आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षण सुविधाओं, मशीनरी और उपकरणों तथा कंप्यूटर प्रणाली अपग्रेड की जाए। राज्य में तकनीकी शिक्षा के शैक्षणिक मानकों को ऊपर उठाने के लिए योग्य शिक्षकों की सेवाएं लेना अति महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि हर स्तर की शिक्षा में राष्ट्रभाषा हिंदी को बढ़ावा देने की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही है। इस पर हमें अमल करना होगा। हिंदी माध्यम के लिए गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम सामग्री विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाए। ढांडा ने इस संबंध में हरियाणा राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड को एक समिति गठित करने और समयबद्ध तरीके से इस पर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने मौजूदा शैक्षणिक कार्यक्रमों की गहन समीक्षा का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे प्रासंगिक हैं या नहीं।
उन्होंने आह्वान किया कि शिक्षक छात्रों को नौकरी के लायक बनाने की बजाय रोजगार सृजन के लिए तैयार करें। तकनीकी शिक्षा मंत्री ने समय पर मान्यता और परीक्षाओं के महत्व पर भी
चर्चा की।
उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती बनाने में भागीदारी निभाती है। उद्योगों के साथ वर्तमान में चल रहे समझौते-ज्ञापन को धरातल पर लागू करने के अलावा भविष्य के संभावित समझौता-ज्ञापनों (एमओयू) के बारे में पता करने के भी निर्देश दिए। बैठक में तकनीकी शिक्षा विभाग के महानिदेशक प्रभजोत सिंह, निदेशक डॉ़ केके कटारिया, अतिरिक्त निदेशक डॉ़ वाईपीएस बेरवाल उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त हरियाणा राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड के (एचएसबीटीई) के अधिकारी भी उपस्थित रहे।