चंडीगढ़, 4 नवंबर (ट्रिन्यू)
चुनाव आयोग की क्लीन-चिट के बाद भी कांग्रेस हरियाणा के विधानसभा चुनावों में धांधली के आरोपों से पीछे नहीं हट रही है। ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर पहले की गई शिकायत रद्द होने के बाद नये सिरे से आयोग में शिकायत दाखिल की जा चुकी है। इस शिकायत से इतर अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अपने स्तर पर जांच करवाने का निर्णय लिया है। इसके लिए पूर्व मंत्री करण दलाल की अध्यक्षता में 8 सदस्यीय कमेटी गठित की है।
प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान की ओर से गठित की गई इस कमेटी में पार्टी के लीगल सेल के चेयरमैन एडवोकेट केसी भाटिया, नूंह विधायक आफताब अहमद, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र राठौर, पूर्व विधायक जयवीर सिंह वाल्मीकि, बड़खल से उम्मीदवार रहे विजय प्रताप सिंह, पानीपत सिटी से प्रत्याशी रहे वीरेंद्र सिंह ‘बुल्ले शाह’ तथा चरखी दादरी से प्रत्याशी रही मनीषा सांगवान को बतौर सदस्य शामिल किया है। यह समित पार्टी के सभी उम्मीदवारों के साथ बातचीत करेगी।
कमेटी एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट तैयार करके पार्टी प्रदेशाध्यक्ष को देगी। इतना ही नहीं, यह कमेटी दूसरे दलों के नेताओं के साथ भी बातचीत करेगी। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार ने चुनावों में धांधली की। उनका कहना है कि चुनावों में सरकार, पार्टी और उम्मीदवारों के इशारे पर विधानसभा चुनावों में भ्रष्ट, कदाचार और जोड़-तोड़ के तरीकों को अपनाया गया। कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया गया है।
20 हलकों से आई थी शिकायत
8 अक्तूबर को चुनावी नतीजों की घोषणा हुई। नब्बे सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 48 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं कांग्रेस को 37 हलकों में जीत प्राप्त हुई। इसके अगले ही दिन कांग्रेस के शिष्टमंडल ने चुनाव आयोग को शिकायत दी। इसमें कहा गया कि ईवीएम में गड़बड़ी थी। 20 के करीब हलकों से उम्मीदवारों की ओर से लिखित में शिकायत की गई कि उनके यहां ईवीएम की बैटरी 99 प्रतिशत तक चार्ज रही। कांग्रेस की दलील है कि जिन जगहों पर ईवीएम की बैटरी कम चार्ज थी, वहां भाजपा हारी है। वहीं 99 प्रतिशत तक जिन जगहों पर बैटरी चार्ज मिली, वहां कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। इसी वजह से कांग्रेस को ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका है।
पार्टी के 9 नेताओं ने हस्ताक्षर कर नये सिरे से दी शिकायत
पिछले सप्ताह कांग्रेस के नौ नेताओं ने हस्ताक्षर करके नये सिरे से चुनाव आयोग को शिकायत दी है। कांग्रेस ने आयोग द्वारा पूर्व में दी गई शिकायत को आयोग द्वारा निराधार व गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए रद्द करने पर भी आपत्ति जताई है। कांग्रेस का कहना है कि आयोग ने अपने आप को ही क्लीन-चिट दे दी है। यहां बता दें कि कांग्रेस की ओर से इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाने की भी बात कही गई है। माना जा रहा है कि दलाल कमेटी का गठन इसी मकसद से किया है। सभी हलकों से रिपोर्ट लेने के बाद कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर कोर्ट में दस्तक दे सकती है।