अजय बनर्जी/ ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 5 नवंबर
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर देपसांग में गश्त की सीमा एवं मार्गों को लेकर भारत और चीन के बीच चल रही सैन्य-वार्ता में गतिरोध पैदा हो गया है। सूत्रों ने कहा कि अप्रैल 2020 से पहले के बिंदुओं पर भारतीय सेना के गश्त कार्यक्रम के समन्वय पर चीनी सैन्य वार्ताकार ‘अपने कदम खींच रहे हैं’। चीनियों ने गश्त की सीमा पर भी आपत्ति व्यक्त की है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री द्वारा 21 अक्तूबर को देपसांग और डेमचोक में गश्त मार्गों को फिर से खोलने के लिए ‘गश्त व्यवस्था’ की घोषणा के बाद दोनों पक्षों के ब्रिगेड-कमांडर स्तर के अधिकारियों को तौर-तरीके तय करने का काम सौंपा गया है। दोनों पक्ष देपसांग के पूर्वी किनारे पर ‘पैट्रोलिंग पॉइंट’ (पीपी) 10, 11, 11-ए, 12 और 13 पर गश्त के तौर-तरीकों पर बातचीत कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि चीनियों ने दो मुद्दे उठाए हैं- पहला, उन्हें पीपी 10 और 11 के मार्गों पर भारतीय सेना के पूरी तरह से जाने पर आपत्ति है; दूसरा, उन्हें पीपी 11ए, 12 और 13 पर गश्त की सीमा (दूरी) पर आपत्ति है।
बीती शाम भारतीय सेना ने कहा, ‘देपसांग में एक गश्त बिंदु पर सफलतापूर्वक गश्त की गई।’ सूत्रों ने कहा कि कल तीन मार्गों में से एक पर गश्त की गयी, लेकिन यह नहीं बताया कि वह कौन सा मार्ग था। गश्त को इस तरह से समन्वित किया जा रहा है कि पैट्रोलिंग शुरू करने से पहले दोनों पक्षों के सैनिक एक-दूसरे को सूचित करें।