भिवानी, 6 नवंबर (हप्र)
एनएनएस स्वयं सेवकों को भारत की एकता एवं सामाजिक विकास को सुदृढ़ बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए। यह विचार महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश चंद्र भारद्वाज ने उच्चतर शिक्षा विभाग के सौजन्य से चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय द्वारा बीआरसीएम संस्थान में आयोजित एनएनएस राष्ट्रीय एकीकरण शिविर में बतौर मुख्य अतिथि स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहे।
चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो दीप्ति धर्माणी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि राष्ट्र हमारी संवेदना है। केवल हमारी भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता में ही रिश्तों को महत्व दिया गया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा ने ही संपूर्ण विश्व को कर्म की प्रधानता का संदेश दिया है। उन्होंने श्रीमद भगवद्गीता में कर्म के महत्व पर श्री कृष्ण अर्जुन संवाद पर विचार रखे। उन्होंने स्वयं सेवकों से समाज एवं राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने का आह्वान किया। डीन स्टूडेंट वेलफेयर एवं एनएनएस कोऑर्डिनेटर डॉ. सुरेश मलिक ने सभी अतिथियों एवं देश भर से आए एनएनएस स्वयं सेवकों, कार्यक्रम अधिकारियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया।
उन्होंने राष्ट्रीय एनएसएस राष्ट्रीय एकीकरण शिविर की विस्तृत जानकारी दी। बीआरसीएम संस्थान के निदेशक डॉॅॅ.एसके सिन्हा ने सभी अतिथियों, एनएसएस स्वयं सेवकों और प्रोग्राम अधिकारियों का धन्यवाद किया।