गोहाना (सोनीपत), 7 नवंबर (हप्र)
Newborn baby girl: शहर में एक दंपती ने अपनी नवजात बच्ची को गोद देने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर बच्ची की बीमारी का खर्च उठाने में असमर्थता दिखाते हुए निजी अस्पताल में उपचार का बिल भरने की एवज में 40-50 हजार रुपये देकर बेटी को गोद लेने के बारे में लिखा। संदेश वायरल होने पर प्रशासन ने कार्रवाई कर दी। अब गोद देने का प्रयास करने पर पिता व एक अन्य के खिलाफ शहर थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नयी दिल्ली की तरफ से 24 अक्तूबर को उपायुक्त के पास पत्र आया जिसमें एक व्यक्ति की तरफ से एक संदेश प्रसारित कर 11 दिन की नवजात बच्ची को गलत तरीके से गोद देने के प्रयास की बात लिखी थी। विभाग की तरफ से जांच में पाया गया कि 11 दिन की नवजात का एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था। जिसका 40 से 50 हजार रुपये बिल था।
बच्ची के माता-पिता इस बिल को चुकाने में असमर्थ थे। उन्होंने नवजात को गोद देने का प्रयास किया था। इसके लिए सोशल मीडिया पर संदेश डाल दिया। अब उपायुक्त ने पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा। जिसके बाद पुलिस ने गोहाना शहर थाना में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
सीडब्ल्यूसी की टीम पहुंची थी अस्पताल
सोशल मीडिया पर संदेश वायरल होने के बाद चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की टीम पुलिस के साथ अस्पताल पहुंची थी और दंपती से बातचीत की थी। तब बताया गया था कि वह आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते बच्ची का उपचार कराने में असमर्थ हैं और गोद देना चाहते हैं।
इसके बाद टीम ने बच्ची को अपने संरक्षण में लिया और प्राथमिक उपचार के लिए नागरिक अस्पताल गोहाना लेकर गई। वहां से बच्ची को बीपीएस राजकीय महिला मेडिकल कॉलेज के अस्पताल के लिए रेफर किया गया। वहां से भी बाद में पीजीआई रोहतक भेज दिया गया।