सत्य प्रकाश/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 11 नवंबर
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार और राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को कड़ी हिदायत दी है कि वे राज्य में म्यूनिसिपल चुनावों का नोटिफिकेशन 15 दिनों के भीतर जारी करें और आठ सप्ताह के भीतर चुनाव प्रक्रिया को पूरा करें। यह आदेश उस याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिसमें पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट के 19 अक्तूबर के आदेश को चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भूइया की बेंच ने स्पष्ट रूप से कहा कि पंजाब सरकार और चुनाव आयोग को चुनाव में और देरी करने का अधिकार नहीं है। इससे पहले भी सरकार को 15 दिनों में म्यूनिसिपल चुनावों का नोटिफिकेशन जारी करने का आदेश दिया गया था, लेकिन हदबंदी के कार्यों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा गया था।
कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार और चुनाव आयोग यदि चाहें तो म्यूनिसिपल चुनावों को स्थगित करने के लिए अपील कर सकते हैं, लेकिन इस आदेश को लागू करना आवश्यक होगा। अदालत ने चेतावनी दी कि यदि चुनावों में और देरी की गई, तो सरकार के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश पंजाब हाई कोर्ट के 19 अक्तूबर के फैसले के बाद आया, जिसमें पंजाब सरकार और एसईसी को 15 दिनों में राज्य के पांच म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन्स और 42 म्यूनिसिपल काउंसिल्स के चुनाव कार्यक्रम का नोटिफिकेशन जारी करने का निर्देश दिया गया था। यह आदेश अमृतसर, पटियाला, जालंधर, फगवाड़ा और लुधियाना नगर निगमों के चुनावों को लेकर था, जो पिछले दो सालों से लंबित थे। पंजाब सरकार ने तर्क दिया था कि कुछ वार्डों की हदबंदी का कार्य बाकी है, जिसे पूरा करने के लिए 16 सप्ताह की आवश्यकता है, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हदबंदी का कार्य चुनाव प्रक्रिया में रुकावट नहीं डाल सकता।