चंडीगढ़, 12 नवंबर (ट्रिन्यू)
कोविड-19 के दौरान जान गंवाने वाले हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के आश्रितों के लिए राहत की खबर है। प्रदेश की नायब सरकार ने कर्मचारियों के आश्रितों को देने वाली वित्तीय सहायता योजना को एक साल पहले से लागू किया है। मार्च-2020 में देशभर के साथ हरियाणा में भी कोविड-19 की वजह से पहला लॉकडाउन लगा था। सरकार ने कोविड-19 में जान गंवाने वाले सरकारी कर्मचारियों को एक्सग्रेशिया ग्रांट का फैसला किया था।
पूर्व की मनोहर सरकार ने पहली मार्च, 2021 से इस योजना को लागू किया था। ऐसे में बड़ी संख्या में उन कर्मचारियों के आश्रित इस योजना से बाहर हो गए थे, जिनकी मौत मार्च-2021 से पहले हुई। विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा भी इसकी मांग उठाई जा रही थी। इसी वजह से अब नायब सरकार ने इस योजना को संशोधित किया है। अब पहली मार्च, 2020 से यह योजना प्रदेश में लागू होगी।
यहां बता दें कि हरियाणा में कोरोना के दौरान 10 हजार से अधिक लोगों की जानें गई थी। दूसरी लहर में 16 विभागों के 250 कर्मचारियों की मौत भी कोविड-19 से हुई। इनमें सैकड़ों कर्मचारी और लोग ऐसे थे, जिनकी मृत्यु कोरोना की पहली लहर के दौरान हुई थी। इसलिए उनके परिजन वित्तीय सहायता से वंचित थे। सांसदों और विधायकों के माध्यम से राज्य सरकार के पास जब यह समस्या पहुंची तो मुख्यमंत्री ने मानव संसाधन विभाग को योजना का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए।
कोविड-19 में मरने वाले कर्मचारियों में सबसे अधिक शिक्षा विभाग के 115, बिजली विभाग के 50 तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के 15 कर्मचारी शामिल हैं। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग के 10, परिवहन और शिक्षा विभाग के 9-9, पब्लिक हेल्थ, सिंचाई तथा पीडब्यूडी विभाग के भी नौ कर्मचारियों की जान गई थी।