जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 12 नवंबर
साल 2024 का आखिर आते-आते जींद जिले के लिंगानुपात में कुछ सुधार दर्ज हुआ है। इससे महिला एवं बाल विकास विभाग को नए साल में जिले के लिंगानुपात में और सुधार की उम्मीद जगी है। डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने भी महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग को जींद जिले के लिंगानुपात में और सुधार के लिए तमाम जरूरी कदम उठाने को कहा है। लिंगानुपात के मामले में जींद जिले के लिए साल 2022 सबसे खास रहा था। साल 2022 में जींद जिला लिंगानुपात में प्रदेश में 10 महीने तक प्रथम स्थान पर रहा था। तब जींद जिले का लिंगानुपात 994 तक भी जा पहुंचा था।
1000 के मैजिक अंक से जींद जिला महज 4 अंक दूर रह गया था। उसके बाद जींद समेत पूरे प्रदेश के लिंगानुपात में गिरावट आती गई। जींद जिला भी इससे अछूता नहीं रहा। इस समय प्रदेश का औसत लिंगानुपात 905 है। जींद जिले का लिंगानुपात 900 से भी कम होकर 877 पर आ गया था।
यह बेहद चिंताजनक था। जींद जिले के लिंगानुपात में साल 2024 का अंत नजदीक आते-आते कुछ सुधार दर्ज हुआ है। 878 से बढ़कर जींद जिले का लिंगानुपात अब 901 पर आ गया है। लिंगानुपात के मामले में जींद जिला अब फिर से 900 से ज्यादा के क्लब में आ गया है। इससे लिंगानुपात को लेकर जींद जिला चिंताजनक की श्रेणी से बाहर आ गया है।
और बढ़ाने के होंगे प्रयास : डॉ. पालेराम कटारिया
जींद जिले के लिंगानुपात को लेकर डिप्टी सिविल सर्जन और पीएनडीटी प्रभारी डॉ. पालेराम कटारिया का कहना है कि जिले के लिंगानुपात में सुधार होने लगा है। इसे और बढ़ाने के प्रयास होंगे। इसके लिए उन 10 गांवों की एएनएम से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा, जो लिंगानुपात के मामले में जिले में सबसे निचले पायदान पर हैं। जिले में पीएनडीटी एक्ट को भी और प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा।