गोहाना (सोनीपत), 12 नवंबर (हप्र)
गांव कोहला में मंगलवार को किसानों ने फिर पंचायत कर खेतों में तेल की पाइप लाइन बिछाने पर मार्केट रेट के अनुसार मुआवजा देने की मांग को दोहराया। किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती है तब तक पाइप लाइन बिछाने के काम को बंद किया जाए। पंचायत में निर्णय लिया कि कमेटी जल्द मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलकर किसानों का पक्ष रखेगी। किसानों ने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री उनकी मांग को गंभीरता से लेकर पूरा करवाएंगे। मुख्यमंत्री से मुलाकात में अगर कोई हल नहीं निकला तब दोबारा पंचायत बुलाई जाएगी।
किसानों ने मंगलवार को गांव कोहला में धरनास्थल पर पंचायत का आयोजन किया। पंचायत में विभिन्न गांवों के किसान और किसान संगठनों के नेता भी शामिल हुए। पंचायत की अध्यक्षता बुटाना बारहा के अध्यक्ष राजेंद्र कुंडू ने की। किसानों ने कहा कि जब तक कंपनी तेल की पाइप लाइन बिछाने की एवज में मार्केट रेट के अनुसार मुआवजा नहीं देती है तब तक काम बंद किया जाए। भारतीय किसान यूनियन चढूनी के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने कहा कि कंपनी पुलिस और प्रशासन की सहायता लेकर किसानों पर दबाव बनाकर काम करवा रही है। जिन खेतों से तेल सप्लाई की पाइप लाइन बिछा दी जाती है उसके आसपास में किसान किसी तरह का निर्माण नहीं कर सकते हैं। लाइन बिछाने के बाद खेत की कीमत बहुत कम हो जाती है। ऐसे में किसानों को मार्केट रेट के अनुसार मुआवजा मिलना चाहिए। बुटाना बारहा के अध्यक्ष राजेंद्र कुंडू ने कहा कि उनकी सरकार के प्रतिनिधियों से बातचीत हो गई है। दो-तीन दिन में कमेटी मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलकर किसानों का पक्ष रखेगी। मुख्यमंत्री किसी को नाराज नहीं करते हैं और किसानों की मांग पूरी करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री से मुलाकात होने के तक पाइप लाइन बिछाने का काम बंद करवा दिया जाएगा। कमेटी ने निर्णय लिया कि मुख्यमंत्री से मुलाकात में अगर कोई हल नहीं निकला तब दोबारा पंचायत बुलाकर आंदोलन के लिए अगला निर्णय लिया जाएगा।
यह है मामला
एक तेल कंपनी द्वारा गुजरात से पानीपत स्थित रिफाइनरी में तेल की सप्लाई पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है। यह लाइन गोहाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों के खेतों से होकर गुजरेगी। कई गांवों में पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है। किसान मार्केट रेट के अनुसार मुआवजा मांग रहे हैं जबकि कंपनी द्वारा कलेक्टर रेट के अनुसार मुआवजा दिया जा रहा है। इसके विरोध में किसान तीन अगस्त से गांव कोहला में धरना दे रहे हैं।