जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 13 नंवबर
पंजाब विश्वविद्यालय ‘सीनेट बचाओ, पीयू बचाओ’ को लेकर पिछले 25 दिन से चले आ रहे छात्र आंदोलन में आज एक तरफ तो किसानों की एंट्री हो गयी और दूसरी ओर रोष मार्च निकाल रहे छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज से माहौल गरमा गया। आंदोलनकारी छात्रों ने कुलपति आवास तक मार्च निकालने का ऐलान किया था लेकिन ‘पंजाब विजन 2047’ कॉन्कलेव में आये पंजाब के सीएम भगवंत मान के कार्यक्रम की तरफ मार्च निकालने पर पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। छात्र ऐन आखिरी वक्त में जब कुलपति आवास की बजाय स्टूडेंट सेंटर की तरफ जाने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोकना चाहा लेकिन छात्र रुके नहीं तो और फोर्स को बुलाना पड़ा। रोष मार्च में शामिल छात्र-छात्राओं को जब पुलिस ने रोका तो उत्तेजित छात्रों ने आगे जाना चाहा जिस पर पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इससे लॉ के छात्र साहिबजीत सिंह समेत चार-पांच छात्रों को मामूली चोटें आयी। लड़कियों ने पुरुष जवानों द्वारा छात्राओं को रोकने का भी विरोध किया और महिला पुलिस को मौके पर बुलाने की बात की।
बाद में पीयू प्रशासन की ओर से डीएसडब्ल्यू प्रो. अमित चौहान ने आंदोलनकारी छात्रों को कुलपति से बातचीत के लिये न्योता दिया जिसे पहले तो छात्रों ने ठुकरा दिया और कुलपति को धरनास्थल पर ही बुलाने की जिद की। पता चला है कि अब एक शिष्टमंडल कुलपति से कल इस बारे में मिलने जायेगा। सीनेटर सिमरनजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि कुलपति को टकराव से बचना चाहिए और लोकतांत्रिक संस्था को बचाने के लिये आगे आना चाहिए।
बाद में शिरोमिणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ भी छात्रों के बीच आ गये। उन्होंने कहा कि बगैर मतलब छात्रों पर लाठीचार्ज निंदनीय है। बच्चों की बात सुनी जानी चाहिए। सीनेट के चुनाव कराकर डेमोक्रेटिक संस्था की बहाली की जाए। कल शिरोममि अकाली दल से अलग हुआ धड़ा सुधार लहर के नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा भी धरने पर आयेंगे।
सीनेट चुनाव को लेकर काफी समय से असमंजस
सीनेट चुनाव को लेकर काफी समय से असमंजस बना हुआ है। कुछ लोग बोर्ड आफ गवर्नर्स बनाये जाने की बातें कह रहे हैं जबकि कुछ लोग सीनेट रिफार्म्स किये जाने की अफवाहें उड़ा रहे हैं जिससे पीयू में कुछ दिनों से अशांत माहौल बना हुआ है। पीयू फैकल्टी और कैंपस सीनेटर इस आंदोलन का साथ नहीं दे रहे, केवल कुछ कट्टरपंथी संगठनों के छात्र ही आंदोलन चला रहे हैं जिससे आम छात्र धरने पर नहीं आ रहा है। पीयू प्रशासन व चांसलर की तरफ से कोई स्पष्ट रिस्पांस न मिलने पर ‘सत्थ’ और सोई के छात्र लगातार धरने पर हैं। आज बीकेयू क्रांतिकारी के नेता सुरजीत सिंह फुल्ल, महिला कांग्रेस नेता अमनदीप कौर धालीवाल और किसान नेता बलजीत कौर अपने लाव-लश्कर के साथ कैंपस पहुंची। फुल्ल ने कहा कि पंजाब के हकों पर डाका नहीं मारने देंगे। पहले पंजाब के पानी और जमीनें छीन लीं और धीरे-धीरे पंजाब यूनिवर्सिटी छीनने की तैयारी है। छात्रों के इस आंदोलन में पंजाब का किसान उनके साथ है, अगर मोर्चा लगाना पड़ा तो वे उससे भी पीछे नहीं हटेंगे। बाद में पटियाला से सांसद धर्मवीर गांधी धरने पर आये और छात्रों के साथ एकजुटता जाहिर की।
हरियाणा के कालेजों को पीयू से जोड़ने का विरोध
पंजाब की सीएम भगवंत सिंह मान ने पंजाब विश्वविद्यालय के साथ हरियाणा के कालेजों को जोड़े जाने का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि हरियाणा के कालेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी से जोड़ दो। पंचकूला और अंबाला के कालेज कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं, उन्हें वहीं रखो। पीयू के साथ तो होशियारपुर से लेकर फाजिल्का तक के कालेज जुड़े हैं, ये पीयू की लीगेसी है। उन्होंने कल चांसलर को भेजे पत्र का संदर्भ देते हुए इतना ही कहा कि हमें सीनेट की रक्षा भी करनी है और इसे चलाना भी है। सबसे बड़ी बात इसे नंबर वन भी बनाना है। उन्होंने कहा कि वे कोई भीख नहीं मांग रहे बल्कि अपना बनता हक मांग रहे हैं।