जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 13 नवंबर
धान के कारण पंजाब के कई एरिया आज डार्क जोन में चले गये हैं, कई खंडों में तो भूमिगत जलस्तर 600 फुट पर चला गया है। यह बात आज पंजाब विकास आयोग के बैनर तले वर्ल्ड पंजाबी आर्गेनाइजेशन और पंजाब यूनिवर्सिटी के सहयोग से आयोजित ‘पंजाब विजन 2047’ कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कही। उन्होंने कहा कि एक किलो चावल उगाने के लिये 3500 लीटर पानी लगता है जिससे पंजाब जैसे राज्य में भूजल का संकट खड़ा हो गया है। धान की पराली जलाने पर एनजीटी और कई अन्य अदारे हल्ला तो करते हैं लेकिन हल कोई नहीं बताता। हमने तो कहा था कि पराली न जलाने वाले किसानों को एक हजार प्रति एकड़ केंद्र सरकार दे और एक हजार हम देंगे लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि इस साल पंजाब ने 182 लाख मीट्रिक टन चावल पैदा किया है। हालांकि चावल पंजाबियों की खुराक नहीं है फिर भी पंजाब देश का फूड बाउल बना हुआ है। पराली को लेकर अब देश ही नहीं बल्कि पड़ौसी मुल्क पाकिस्तान के पंजाब की सीएम मरियम नवाज भी उन्हें चिट्ठी लिखने की बातें कर रही है। उन्होंने कहा कि पराली से प्रदूषण का ठीकरा केवल पंजाब सिर फोड़ दिया जाता है जबकि हरियाणा, राजस्थान, यूपी और एमपी में भी तो धान होती है और पराली जलायी जाती है, फिर दोष हमें ही क्यों? यह धुआं पहले हमारे गांवों में रह रहे लोगों को फेफड़ों में भी जाता है।
सीएम मान ने कहा कि वैकल्पिक फसलों के बारे में केंद्र सरकार सोचे। मक्का, बाजरा-ज्वार दूसरी फसलें लगाने को किसान तैयार हैं, सरकार एमएसपी की गारंटी दे। उन्होंने कहा कि आज युवा आईएएस, डॉक्टर या इंजीनियर बनने की बजाय आइलेट्स करने की सोचता है और विदेश भाग जाता है। अब उनकी सरकार ने स्कूल आफ एमिनेंस शुरू किए हैं जिनमें से 117 बच्चों ने आईआईटी परीक्षा क्लीयर की है। सीएम मान ने कहा कि यहां प्रतिभा की कमी नहीं इन्फ्रास्ट्रक्चर और माहौल की कमी है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में बड़े-बड़े उद्योग आ रहे हैं। चाहे वह टाटा हो, सनफार्मा हो, ग्रासिम हो या फिर कोई बड़ी कंपनी हो। उन्होंने कहा कि लुधियाना में टाटा जमशेदपुर के बाद सबसे बड़ा स्टील कारखाना लगाने जा रहा है। आज पंजाब को फूड प्रोसेसिंग कंपनियों की आवश्यकता है ताकि पठानकोट की लीची, फाजिल्का के किन्नू, होशियारपुर के आम और लहसुन, गन्ने व अन्य खाद्य पदार्थों की बेकद्री न हो। उन्होंने इसका उदारहण भी दिया कि गिद्दड़बाहा में उन्होंने ‘पहल’ नाम से महिलाओं का एक ग्रुप बनाया और उन्हें सिलाई मशीनें दी। वे सरकारी स्कूली की वर्दियां बनाने लगीं और फिर 20-25 प्राइवेट स्कूलों ने भी उन्हें काम दे दिया जिससे उनका सालाना टर्नओवर 2 करोड़ पहुंच गया।
इससे पूर्व आप सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा कि दो दिन से पंजाब को लेकर ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन चल रहे हैं जिसके निष्कर्ष पर एक व्हाइट पेपर तैयार होगा, जिसे सीएम को सौंप दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि आधुनिक खेती में युवाओं को भी एन्गेज करें और पंजाब के पुराने पांच फोकल प्वाइंट फिर से विकसित किये जायें। उन्होंने वाघा बॉर्डर खोलने की वकालत की। उन्होंने पंजाब की 10 आईटीआई गोद लेने की भी घोषणा की और 50 हजार युवाओं को रोजगार देने का वादा किया। कार्यक्रम में पीयू की कुलपति प्रो. रेनू विग और सोनालिका ट्रेक्टर के मालिक अमृत मित्तल भी उपस्थित थे।