बहादुरगढ़, 13 नवंबर (निस)
भारतीय शैली कुश्ती संघ की अनुमति के बिना होने वाले रुस्तम-ए-हिंद, हिंद केसरी व भारत केसरी खिताबों के आयोजकों पर संघ ने कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। संघ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र राठी ने कहा कि फर्जी खिताबों के कारण भारत में कुश्ती में भारी गिरावट आ रही है। कई फर्जी संस्थाएं नकली खिताबों का आयोजन कर लोगों को धोखा दे रही हैं। इंडियन स्टाइल रेसलिंग फेडरेशन पिछले 68 साल से रुस्तम-ए-हिंद, हिंद केसरी व भारत केसरी प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रही है। ये तीनों खिताब सरकार द्वारा पंजीकृत ट्रेडमार्क और अदालती आदेशों के साथ भारतीय शैली कुश्ती महासंघ के स्वामित्व में हैं।
जितेंद्र राठी ने कहा कि 5 नवंबर को पंजाब के नवांशहर जिले में रुस्तम-ए-हिंद रेसलिंग एसोसिएशन ने बिना अनुमति के अवैध रूप से रुस्तम-ए-हिंद नाम का इस्तेमाल किया जिसमें महाराष्ट्र के पहलवान सिकंदर शेख को रुस्तम-ए-हिंद रेसलिंग एसोसिएशन ने अवैध रूप से विजेता घोषित कर दिया। रुस्तम-ए-हिंद, हिंद केसरी व भारत केसरी खिताबों से कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी, सरकारी पेंशन योजना और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकता है। लेकिन कुछ फर्जी संस्थाएं और पहलवान इसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। जो लोग अपने नाम के आगे हमारे खिताबों का नाम लगाकर समाज में झूठी प्रतिष्ठा पा रहे हैं, संघ ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा।
इंडियन स्टाइल रेसलिंग फेडरेशन संगठन के महासचिव गौरव रोशनलाल ने कहा कि बिना अनुमति हमारे ट्रेडमार्क रुस्तम-ए-हिंद, हिंद केसरी व भारत केसरी का उपयोग करना ट्रेडमार्क उल्लंघन है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसके लिए कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है। इंडियन स्टाइल रेसलिंग फेडरेशन अभी कानूनी कार्रवाई करने के लिए कानूनी सलाहकारों से चर्चा कर रही है और जल्द ही हम उल्लंघन करने वाले लोगों को कानूनी नोटिस भेजे जायेंगे।