शिमला, 16 नवंबर (हप्र)
प्रदेश मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा 6 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियों को रद्द किए जाने के मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने को हरी झंडी दे दी है। ये फैसला मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शनिवार को शिमला में हुई मंत्रिमंडल बैठक में लिया गया।
बैठक में हाईकोर्ट की तरफ से 6 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियां रद्द करने से जुड़े विषय पर चर्चा हुई। चर्चा के दौरान निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देकर अपना पक्ष रखेगी। राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय मामले मंत्री जगत सिंह नेगी ने मंत्रिमंडल बैठक के बाद पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि भाजपा की तरफ से आसाम में बनाए गए सी.पी.एस. एक्ट को लेकर जो दलील दी जा रही है, प्रदेश में नियुक्तियां उसके विपरीत हुई है। असम में सी.पी.एस. को मंत्री के समान दर्जा प्राप्त था, जबकि हिमाचल प्रदेश में ऐसा नहीं था। अब सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाकर हमेशा के लिए विवाद को समाप्त करना चाहती है। प्रदेश में बनाए गए सी.पी.एस. ऑफिस ऑफ प्रोफिट के दायरे में नहीं आते थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अनैतिक तरीके से कांग्रेस सरकार को गिराने का शुरू से प्रयास किया, जिसके ऊपर 150 करोड़ रुपए खर्च होने की बात कही जा रही है। नेगी ने कहा कि भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक सतपाल सिंह सत्ती, जिस मामले को लेकर हाईकोर्ट गए, वह उसी कानून के तरह खुद सी.पी.एस. बने थे। अब उनको सत्ता से बाहर होने के बाद सी.पी.एस. की नियुक्तियां असंवैधानिक लगती हैं।
‘जयराम ने सत्ता में रहते हुए कानून को रिपील क्यों नहीं किया’
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर जिस कानून को असंवैधनिक बता रहे हैं, उन्होंने खुद सत्ता में रहते हुए उसे रिपील क्यों नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को अपने कार्यकाल में बने सी.पी.एस. नियमों की परिधि में नजर आते हैं तथा कांग्रेस शासनकाल में संविधान के विरुद्ध दिखते हैं। नेगी ने कहा कि मंत्रिमंडल बैठक में विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि इसकी तिथि का निर्धारण जल्द किया जाएगा। इस समय विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया विदेश दौरे पर है। ऐसे में उनके लौटने के बाद सत्र के आयोजन को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।