जगाधरी, 16 नवंबर (हप्र)
श्री राम कथा में चौथे दिवस प्रवचन करते हुए साध्वी श्रेया भारती ने सीता स्वयंवर प्रसंग में बताया कि किस प्रकार प्रभु श्रीराम जी अपनी दिव्य लीलाओं को करते हुए गुरुकुल से अपनी शिक्षा का अध्ययन करते हुए अयोध्या में पुन: लौटते हैं। तत्पश्चात विश्वामित्र राजा दशरथ के पास प्रभु श्री राम व लक्ष्मण को मांगते हैं और श्री राम अपने कार्य की पृष्ठ भूमि तैयार करते हुए मार्ग में ताड़का का वध करते हैं। साध्वी ने बताया कि प्रभु गौतम ऋषि की पत्नी अहल्या का उद्धार करते हैं एवं यज्ञ की रक्षा के बाद गुरु विश्वामित्र के साथ जनकपुरी में प्रवेश करते हैं। साध्वी ने कहा कि गाय हमारी संस्कृति का आधार और समाज का मेरुदंड है, जिसे सुरक्षित रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा गाय की रक्षा ही भारत की रक्षा है। गाय की रक्षा ही संस्कृति की रक्षा है। इस अवसर पर मालिक रोज़ी आनंद पूर्व चेयरपर्सन, अमर सिंह नंदगढ़, आयुष गुप्ता, सतीश भाटिया, महिपाल, आदित्य जैन, ओमपाल, मास्टर चंद्र प्रकाश, गुलशन कालरा डिप्टी डायरेक्टर फायर सर्विस पंचकूला, गुरमेल सिंह मौजूद रहे।