चंडीगढ़, 16 नवंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा में आपराधिक मामलों में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को जुर्माना लगाने की पावर में बढ़ोतरी होगी। वे दस गुणा तक जुर्माना लगा सकेंगे।
हरियाणा विधानसभा के चालू शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (हरियाणा संशोधन) विधेयक-2024 टेबल कर चुके हैं। सोमवार को विधानसभा सत्र में इस पर चर्चा होने के बाद इसे पास किया जा सकता है।
हरियाणा के सभी 22 जिलों के अलावा तीन दर्जन से अधिक उपमंडलों (सब-डिवीजन) में स्थापित ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालतों में प्रथम और द्वितीय श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट को अपराधिक केसों में जुर्माना लगाने की शक्ति में दस गुणा बढ़ोतरी होगी। विधानसभा में टेबल किए गए संशोधित विधेयक के तहत राज्य की नायब सरकार भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा-23 की उपधारा (2) और (3) में बदलाव करेगी।
धारा 23(2) के अंतर्गत प्रथम श्रेणी के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट वर्तमान में अधिकतम तीन वर्ष तक के लिए कारावास और अधिकतम पचास हजार रुपये तक का जुर्माना लगा सकते हैं। दोनों ही सजा भी साथ दी जा सकती हैं। बदलाव के बाद जुर्माना राशि में दस गुणा तक बढ़ोतरी हो सकेगी। यानी उनके पास पांच लाख रुपये तक जुर्माना करने के अधिकार होंगे।
वहीं धारा 23(3) के अंतर्गत द्वितीय श्रेणी ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के पास वर्तमान में एक वर्ष तक कारावास और अधिकतम 10 हजार जुर्माने के अधिकार हैं।
इसमें संशोधन कर जुर्माने की राशि को मौजूदा दस गुना बढ़ाकर एक लाख रुपये तक करने का प्रावधान विधेयक में किया गया है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अधिवक्ता हेमंत कुमार ने बताया कि विधानसभा में विधेयक पारित होने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल इस पर स्वयं स्वीकृति देने की बजाय केंद्रीय गृह मंत्रालय के मार्फत राष्ट्रपति भवन को भेजेंगे। वहां से मंजूरी मिलने के बाद हरियाणा में ये बदलाव लागू हो पाएंगे।