सोनीपत, 16 नवंबर (हप्र)
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप)-3 लागू होने से निर्माण पूरी तरह से पाबंदी लगी है। उसके बावजूद जिले में 500 वर्ग मीटर से अधिक भूमि पर डस्ट पोर्टल पर बिना पंजीकरण किए और नियमों की अनदेखी के चलते निर्माण होता मिला। इस पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कार्रवाई करते हुए 20 स्थानों पर निर्माण रोककर 46.15 लाख रुपये का जुर्माना किया। वहीं, कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में रेट्रो-फिट उत्सर्जन नियंत्रण उपकरण (आरईसीडी) लगाए बिना चलाए जा रहे 6 जेनरेटर सील किए। बड़ी औद्योगिक क्षेत्र में कूड़ा जलता मिलने पर 25 हजार रुपये का जुर्माना किया है।
500 वर्ग मीटर की जमीन पर निर्माण करने के लिए डस्ट पोर्टल पर आवेदन जरूरी होता है। इसके बाद निर्माण करने की मंजूरी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से दी जाती है। ग्रैप के तहत 5 नवंबर को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने 24 स्थानों पर कार्रवाई करते हुए 500 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन पर किए जा रहे निर्माण रुकवाए थे। निर्माण करने वालों को नोटिस जारी किए गए थे। शनिवार को टीम ने दोबारा जांच की, ग्रैप-3 में पाबंदी के बावजूद 20 स्थानों पर निर्माण होता मिला। निर्माण संबंधी 14 धूल विरोधी नियमों का भी उल्लंघन होता मिला। इस पर टीम ने कार्रवाई करते हुए 20 स्थानों पर दोबारा निर्माण रुकवाया और 46 लाख 15 हजार रुपये का जुर्माना किया। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए केंद्रीय वायु गुणवत्ता आयोग (सीएक्यूएम) के आदेशों के क्रम में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निगरानी बढ़ा रखी है। बोर्ड की टीम ने 5 नवंबर को औद्योगिक क्षेत्र में आरईसीडी उपकरण लगाए बिना जेनरेटर चलाने पर 19 संस्थान व फैक्टरी मालिकों को नोटिस किए थे।
कूड़ा जलाने पर 25 हजार का किया जुर्माना
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने बड़ी औद्योगिक क्षेत्र में पाबंदी के बावजूद खुले में कूड़ा जलता हुआ मिला। इस पर टीम ने कार्रवाई करते हुए हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) वरिष्ठ प्रबंधक के नाम 25 हजार रुपये का जुर्माना किया है।
भवन निरीक्षक आनंद किशोर व दलबीर ने नगर निगम की टीम ने राठधना रोड व मामा भांजा चौक पर खुले में पड़ी निर्माण सामग्री को लेकर कार्रवाई की। वहीं, भवन निर्माण सामग्री को अनेक स्थानों पर ढकवाया गया।
“ग्रैप-3 की पाबंदियां लगने के बाद 20 स्थानों पर 500 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन पर हो रहे निर्माण को रुकवाया गया। संस्थान व फैक्टरी मालिकों पर 46.15 लाख रूपये का जुर्माना किया गया। आरईसीडी उपकरण लगाए बिना चलाए जा रहे 6 जेनरेटर सील किए गए। सीएक्यूएम के आदेशों को पालन करते हुए यह कार्रवाई जारी रहेगी।”
-प्रदीप सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड