अरविंद शर्मा/हप्र
जगाधरी, 17 नवंबर
ठंड का दौर शुरू हो चुका है, तीन दिन से कोहरा भी दस्तक दे रहा है। बदले मौसम के चलते क्षेत्र में प्रवासी परिंदों ने मैदानी इलाकों में आना शुरू हो गया है। ज्यादा ठंड होने पर आने वाले दिनों में इनकी संख्या में और भी बढ़ेगी।
बीते करीब एक हफ्ते से दादुपुर हैड पर प्रवासी परिंदों का आना जारी है। ये सबसे ज्यादा सोमनदी, दादुपुर इलाके में हैं। इलाके के हरीश कुमार, मास्टर साहब सिंह, राजेश कुमार, प्रेमचंद आदि का कहना है कि हैड पर हर बार सारस, क्रेन आईबग, काली पूछ वाला सारस, लंबी गर्दन वाला काला सारस, बत्तख आदि कई प्रकार के मेहमान पक्षी इन दिनों में दस्तक देते हैं। साहब सिंह का कहना है कि रात को ये पक्षी साथ लगते जंगल में ऊंचे पेड़ों को अपना ठिकाना बनाते हैं। अक्सर ये प्रवासी पक्षी झुंड में रहते हैं। नहर व सोमनदी के किनारे पर नहीं बैठते। इसके अलावा ये टापू , पुल की ऐसी जगह पर बैठते हैं जो लोगों की पहुंच से दूर हो। उनका कहना है कि इस क्षेत्र में नवंबर माह में आने वाले ये बर्ड फरवरी के आखिरी में चले जाना शुरू कर देते हैं। दोपहर के समय ये सुरक्षित जगह पर धूप में बैठे रहते हैं।
ध्वनि प्रदूषण, प्रकृति से छेड़छाड़ का दिखा असर
यमुना सेवा समिति के पदाधिकारी किरण पाल कनालसी का कहना है कि सोम, थापना व यमुनानदी इलाके में सूरकाब, लाल मुरगाबी, छोटी बत्तख, नड़ी, कूंजा, लीलसार आदि पक्षी अक्सर इन दिनों में आ जाते थे, लेकिन इस बार काफी संख्या में लीलासर सिर्फ एक ही दिन यहां दिखे। उनका कहना है कि बढ़ते ध्वनि प्रदूषण व प्रकृति से छेड़छाड़ का इन पर असर पड़ता है। ये शोर सराबे से डरते हैं। यमुना नदी इलाके के कुछ ग्रामीणों का कहना है कि प्रकृति से छेड़छाड का इन पर असर देखा जा रहा है। इस बार एक दिन आकर ये मेहमान परीदेेंं वापस चले गए। यमुना सेवा समिति ने इस पर चिंता जताई है।