करनाल, 18 नवंबर (हप्र)
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने किसानों से आह्वान किया है कि वे पर्यावरण, पानी, धरती, देशी गाय और लोगों की सेहत बचाने के लिये प्राकृतिक खेती अपनायें। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ियों को बचाने के लिये जहर मुक्त खेती की ओर बढ़ना समय की मांग है। इससे जमीन में ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा में इजाफा होता है, कैमिकलयुक्त खेती को छोड़ना होगा। राज्यपाल आचार्य देवव्रत बैंक आफ बड़ौदा चंडीगढ़ अंचल की ओर से किसान पखवाड़े के तहत यहां केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान (सीएसएसआरआई)में आयोजित मेगा किसान मेला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज खेती में रसायनों, यूरिया, कीटनाशक आदि को अत्यधिक प्रयोग किया जा रहा है। फल-सब्जियों, दूध आदि के जरिए इस मीठे जहर का असर लोगों की सेहत को चौपट कर रहा है। आज लोगों ने शरीर से पसीना निकालना छोड़ दिया है। हार्ट अटैक, मधुमेह, किडनी फेल, घुटना प्रत्यारोपण आदि के मामले बढ़ रहे हैं। यह चिंता की बात है, इसके कारणों के बारे में गंभीरता से सोचना होगा। उन्होंने कहा कि जैविक खेती से मीथेन गैस पैदा होती है। यह भी कार्बन डाइआक्साइड से 22 गुणा ज्यादा खतरनाक है। तीस-चालीस साल से जैविक खेती की बात की जा रही है लेकिन यह अभी तक किसानों में लोकप्रिय नहीं हुई।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्राकृतिक खेती को जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया है। इस मौके पर राज्यपाल ने प्राकृतिक तरीके से हल्दी की पैदावार के लिये सविता और सब्जियां पैदा करने के लिये सुरेंद्र को सम्मानित किया। इस अवसर पर प्राकृतिक खेती संबंधी उत्पादों और कृषि के आधुनिक उपकरणों को प्रदर्शित करने के लिये करीब 30 स्टॉल लगाए गये थे। इससे पूर्व सीएसएसआरआई के निदेशक डा. आरके यादव ने मृदा लवणता के बारे में विचार रखे। एनडीआरआई करनाल के निदेशक डा. धीर सिंह, ज्ञान मानसरोवर अकादती थिराना (पानीपत) के निदेशक बीके भारत भूषण ने भी किसानों को संबोधित किया। इस अवसर पर बैंक ऑफ बड़ौदा चंडीगढ़ अंचल के जीएम एवं जोनल हैड निशांत सिंह, नाबार्ड से जिला विकास प्रबंधक हिमांशु खत्री, बैंक के क्षेत्रीय प्रमुख्या राजबीर सिंह, नीरज कुमार, मुख्य प्रबंधक करनाल ऋषिकांत शर्मा, पुनीत जैन आदि मौजूद रहे।