जींद, 18 नवंबर(हप्र)
जींद में प्रेम विवाह करने वाली एक महिला को उसके पति, ननद और सास ने मिलकर गर्भपात की दवा खिला दी और उसका ढाई माह का गर्भ गिरवा दिया। डिप्टी सिविल सर्जन डाॅ. पालेराम कटारिया की शिकायत पर और महिला के बयान के आधार पर सिविल लाइन पुलिस थाना में तीन लोगों के खिलाफ पीएनडीटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पालेराम कटारिया को दी शिकायत में रोहतक रोड निवासी एक महिला ने बताया कि उसने घर वालों की मर्जी के खिलाफ भिवानी रोड पर शर्मा नगर निवासी सचिन के साथ कोर्ट में लव मैरिज की थी। विवाह के बाद वह ढाई माह की गर्भवती थी। उसने आरोप लगाया कि उसके पति सचिन, सास और पति की बहन ने उसके साथ झगड़ना शुरू कर दिया। उससे दहेज की मांग करने लगे। उसने आरोप लगाया कि 24 सितंबर को सचिन ने उस पर अपने दोस्त के साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाला। ऐसा करने से उसने मना किया तो उसके साथ मारपीट की गई, उसके बाल खींचे गए। जब उसने अपने पिता को फोन कर इन बातों के बारे में बताया तो उसका पिता उसे ही धमकाने लगा। 11 नवंबर को वह घर में साफ-सफाई का काम कर रही थी, तो उसे डस्टबीन में एक दवाई का खाली रैपर नजर आया। उसने दवाई का नाम गूगल पर सर्च किया तो यह गर्भपात की दवा थी। वह डर गई और उसने अपने पति से पूछा तो उसने मारपीट शुरू कर दी। उसकी सास और ननद भी इस दौरान वहीं पर थी। तीनों ने मिलकर उसे घर से बाहर निकाल दिया। वह रोहतक रोड पुलिस चौकी में गई और पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने सचिन को पुलिस चौकी में बुलाया तो आरोपियों ने कहा कि वह खाटू श्याम चले गए हैं। इस पर वह न तो ससुराल जा पाई और न ही मायके, क्योंकि उसने घर वालों की मर्जी के खिलाफ शादी की थी। पुलिस ने उसे सिविल अस्पताल के वन स्टाप सेंटर में छोड़ दिया। 12 नवंबर को वन स्टाप सेंटर में उसे पेट में दर्द शुरू हो गया और शाम पांच बजे के करीब उसे ज्यादा दर्द हुआ और साथ में ब्लीडिंग हुई। रात को आठ के बजे के करीब उसका गर्भपात हो गया। रात 12 बजे बहुत ज्यादा दर्द हुआ तो ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिस कर्मी उसे सिविल अस्पताल के लेबर रूम में ले गई। वहां उसे इंजेक्शन लगाया गया। इसके बाद महिला चिकित्सक ने उसे टेबलेट दी और अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कहा। 13 नवंबर को उसने अपनी सहेली को बुलाया। 15 नवंबर को उसकी मां काे बुलाकर उसने अल्ट्रासाउंड करवाया।
अल्ट्रासाउंड में डाक्टर ने बताया कि बच्चेदानी में अभी भी बच्चे के टुकड़े हैं। उसका दर्द कम नहीं हो रहा था। चिकित्सक ने सफाई करवाने के लिए कहा। उसने अपने जानकार को ये बातें बताई, जिसके बाद सिविल अस्पताल में पीएनडीटी प्रभारी डिप्टी सिविल सर्जन डाॅ. पालेराम कटारिया का नंबर उसे दिया गया। उसने सिविल अस्पताल में उपचार शुरू करवाया और डिप्टी सिविल सर्जन के समक्ष अपने बयान दर्ज करवाए।
गर्भपात में काम आने वाली दवा कहां से खरीदी, इसकी होगी जांच : सर्जन पालेराम कटारिया ने कहा कि पीड़िता ने एमटीपी किट का जो खाली रैपर दिया है, उसे कहां से और किसने खरीदा, इसकी जांच होगी। पुलिस को पता लगाने को कहा गया है कि प्रतिबंधित एमटीपी किट किसने और कहां से से खरीदी।
डिप्टी सिविल सर्जन ने थाने में जाकर दी शिकायत, तब हुई कार्रवाई
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पालेराम कटारिया रविवार को अवकाश के बावजूद इस मामले की जानकारी मिलने पर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पीड़िता से लिखित शिकायत ली। लिखित शिकायत के बाद डॉ. कटारिया ने सिविल अस्पताल का पीड़िता से जुड़ा रिकॉर्ड देखा और उससे गर्भपात करवाने में काम आने वाली उस दवा का खाली रैपर लिया, जो पीड़िता के अनुसार घर के डस्टबिन में मिला था। इसके बाद कटारिया स्टाफ के साथ सिविल लाइन पुलिस थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज करवाई। सिविल लाइन थाना पुलिस ने इस शिकायत और पीड़िता के बयान के आधार पर पीड़िता के पति सचिन, सचिन की बहन और सचिन की मां के खिलाफ उसकी मर्जी के बिना गर्भपात की दवा खिलाने और गर्भपात का मामला दर्ज किया है।