दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 18 नवंबर
हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। मंगलवार को शाम साढ़े चार बजे पंचकूला स्थित भाजपा कार्यालय में यह बैठक होगी। बैठक में पार्टी के सभी मंत्री और विधायक मौजूद रहेंगे। सीएम नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में पार्टी अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली भी मौजूद रहेंगे। इस बैठक में विधायकों को टॉस्क दिए जाएंगे और सरकार द्वारा भविष्य का रोडमैप तैयार किया जाएगा। बैठक में सबसे प्रमुख एजेंडा नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका के चुनाव रहने वाले हैं। प्रदेश में आठ नगर निगमों, चार नगर परिषदों और 22 नगर पालिकाओं के चुनाव होने हैं। राज्य चुनाव आयोग की ओर से चुनावों को लेकर अंदरखाने तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं। अगले साल जनवरी-फरवरी में चुनाव करवाए जाने की संभावना है। इन शहरों में विकास कार्यों के लिए दूसरी योजनाओं को लेकर भी मुख्यमंत्री विधायकों से रिपोर्ट लेंगे।
विधानसभा के चुनावों में प्रचार के दौरान भाजपा उम्मीदवारों की ओर से अपने हलके के लोगों के बीच कई तरह के वादे किए गए थे। अधिकांश चुनावी वादे विकास कार्यों से जुड़े हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस संदर्भ में भी विधायकों से चर्चा करेंगे ताकि विधायक अपने-अपने हलकों की डिमांड मुख्यमंत्री को दे सकें। इसके लिए विधायकों को टाइम दिया जा सकता है ताकि वे लिखित में अपने हलके में तुरंत होने वाले कार्यों की सूची दें सकें। विधायकों की बड़ी परियोजनाओं की भी सरकार लिस्ट तैयार करेगी ताकि उन्हें फरवरी-मार्च में पेश होने वाले सरकार के 2025-26 के वार्षिक बजट में शामिल किया जा सके। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री की ओर से मंत्रियों को भी उनके अधीनस्थ विभागों को लेकर निर्देश दिए जा चुके हैं। नायब सिंह सैनी ‘100 दिन’ के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। उनकी कोशिश है कि सरकार के 100 दिन पूरे होने पर वे जब लोगों के बीच जाएं तो उन्हें यह बता सकें कि इस अवधि में सरकार ने क्या-क्या बड़े फैसले लिए हैं।
विधानसभा चुनावों में किए गए वादों पर भी सरकार काम शुरू कर चुकी है। कई वादों को लागू किया जा चुका है। सीएमओ के अधिकारी भी चुनावी ‘संकल्प-पत्र’ को खंगाल रहे हैं ताकि जल्द पूरे होने वाले वादों की अलग से लिस्ट तैयार की जा सके। राज्यपाल अभिभाषण में भी सरकार ने अपने चुनावी संकल्प-पत्र के एक दर्जन से अधिक वादों को पूरा करने के मंसूबे जाहिर कर चुकी है। सालाना बजट में सरकार वादों के हिसाब से कई नई योजनाओं की शुरुआत कर सकती है।
इसलिए अहम हैं निकाय चुनाव
प्रदेश में शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों को लेकर भाजपा काफी गंभीर है। इससे पहले हुए तीन नगर निगमों – अंबाला सिटी, पंचकूला व सोनीपत नगर निगम के चुनावों में भाजपा को झटका लग चुका है। केवल पंचकूला नगर निगम में भाजपा का मेयर बन पाया था। बाकी दोनों निगमों में भाजपा के मेयर उम्मीदवार चुनाव हारे थे। अब चूंकि प्रदेश में तीसरी बार 48 विधायकों के साथ भाजपा ने सरकार बनाई है। ऐसे में भाजपाइयों का मनोबल बढ़ा हुआ है। भाजपा की शहरों में वैसे भी पुरानी पकड़ है। इसे और मजबूत करने के लिए पार्टी निकायों के चुनावों में भी जीत अपने नाम दर्ज करवाना चाहती है। निकायों के चुनाव भाजपा अपने सिम्बल पर ही लड़ेगी।
सदस्यता अभियान की होगी समीक्षा
भाजपा द्वारा प्रदेश में सदस्यता अभियान चलाया हुआ है। राज्य में 50 लाख सदस्य अपने साथ जोड़ने का लक्ष्य रखा है। सांसदों को 50 हजार और विधायकों को 30 हजार सदस्य जोड़ने का टॉस्क दिया है। प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली सदस्यता अभियान को लेकर जिलावार प्रवास कर रहे हैं। विधायक दल की बैठक में सदस्यता अभियान को लेकर भी समीक्षा की जाएगी। पार्टी अभी तक 10 लाख से अधिक सदस्यों को अपने साथ जोड़ चुकी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एडवोकेट वेदपाल को सदस्यता अभियान का प्रमुख बनाया हुआ है।
तबादलों को लेकर होगी चर्चा
सरकार का चूंकि तीसरी बार गठन हुआ है। चुनावों के दौरान फील्ड के कई अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका पर सवाल उठ चुके हैं। कई भाजपा विधायकों व प्रत्याशियों की ओर से भी आरोप लगाए गए हैं कि बड़ी संख्या में अधिकारियों व कर्मचारियों ने कांग्रेस की मदद की। फील्ड में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को विधायकों व पार्टी उम्मीदवारों के फीडबैक के हिसाब से बदला जा सकता है। इस संदर्भ में भी मुख्यमंत्री सभी विधायकों की राय जा सकते हैं। कई जिलों के डीसी और एसपी सरकार पहले ही बदल चुकी है।
वाल्मीकि जयंती की बनेगी रूपरेखा विधायक दल की बैठक में 24 नवंबर को जींद में आयोजित की जाने वाली प्रदेश स्तरीय महर्षि वाल्मीकि जयंती का प्रारूप भी तय किया जाएगा। पहले यह कार्यक्रम 17 अक्तूबर को होना था लेकिन उसी दिन सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होने की वजह से इसे 24 नवंबर को बनाने का निर्णय लिया। वाल्मीकि जयंती में मुख्यमंत्री द्वारा कई बड़ी घोषणाएं भी की जा सकती हैं।