ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 19 नवंबर
Haryana Punjab Dispute: हरियाणा और पंजाब के बीच एक बार फिर तलवारें खिंच गई हैं। चंडीगढ़ में ही हरियाणा विधानसभा का नया भवन बनाने की कोशिश हरियाणा सरकार कर रही है। चंडीगढ़ में 10 एकड़ जमीन चिह्नित भी की जा चुकी है। पंजाब के मुख्यमंत्री से लेकर अधिकांश मंत्री और सांसद इसका विरोध कर रहे हैं। पंजाब की आप सरकार ने तो चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार बता दिया है। मंगलवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन यह मुद्दा उठा।
पूर्व स्पीकर व थानेसर से कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया। शाह रिपोर्ट का हवाला देते हुए अरोड़ा ने कहा कि इस रिपोर्ट में साफ किया गया था कि पंजाब की ओर से हरियाणा को 107 हिंदी भाषी गांव दिए जाएंगे। साथ ही, एसवाईएल का पानी दिया जाएगा। ऐसा होने की स्थिति में ही चंडीगढ़ पर पंजाब अपना अधिकार जता सकता है। पंजाब ने न तो एसवाईएल का पानी दिया और न ही हिंदी भाषी प्रदेश।
उन्होंने कहा कि राजधानी चंडीगढ़ पर हरियाणा का भी अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार को नई विधानसभा की जमीन के लिए चंडीगढ़ प्रशासन को पैसा देने का भी कोई औचित्य नहीं है। अरोड़ा ने कहा कि पंजाब द्वारा किए जा रहे विरोध का कोई औचित्य नहीं है। अरोड़ा ने कहा कि इस मामले में विधानसभा में सर्वसम्मति से पंजाब सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करना चाहिए। स्पीकर हरविंद्र सिंह कल्याण ने कहा कि यह गंभीर मामला है और इस पर इतने हल्के में चर्चा नहीं हो सकती।
स्पीकर ने मुख्यमंत्री से भी आग्रह किया कि इस मामले में सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए। सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह गंभीर और संवेदनशील मामला है। उन्होंने कहा कि 2026 में परिसीमन आएगा। मौजूदा विधानसभा में पर्याप्त जगह नहीं है। ऐसे में नई विधानसभा भवन की जरूरत है। सीएम ने सदन को आश्वस्त किया कि नये विधानसभा भवन के साथ-साथ एसवाईएल के मुद्दे पर जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी। इस बैठक में सर्वसहमति से इस संदर्भ में निर्णय लिया जाएगा।