जींद, 19 नवंबर (हप्र)
साल 2025 तक टीबी मुक्त भारत टारगेट को हासिल करने में जींद के टीबी विभाग ने अपनी सारी ताकत झोंक दी है। इसके तहत 5 नवंबर से शुरू किए गए 100 दिन के खास अभियान के पहले 14 दिनों में जींद जिले में 500 लोगों की टीबी को लेकर स्क्रीनिंग उनके घर तक जाकर की गई। इनमें से 300 के सैंपल लिए गए, जिनमें 3 टीबी पॉजिटिव मिले हैं। लगभग 16 लाख की आबादी वाले जींद जिले में इस समय टीबी के 2218 मरीज हैं, जिनका इस बीमारी को लेकर रजिस्ट्रेशन है, और जिनका उपचार चल रहा है। इन 2218 मरीजों को पहले 500 रुपए महीना डाइट राशि मिलती थी, जिसे अब 1 नवंबर से बढ़ाकर 1000 रुपए प्रति माह कर दिया गया है। टीबी मरीजों की डाइट राशि में यह वृद्धि महंगाई और मरीजों को और ज्यादा पोषक डाइट देकर साल 2025 तक टीबी को पूरी तरह मात देने की खातिर की गई है।
टीबी संभावित क्षेत्रों में मोबाइल हेल्थ टीम देगी दस्तक
टीबी को अगले साल खत्म करने के मकसद से अगले 100 दिन में मोबाइल हेल्थ यूनिट टीबी संभावित क्षेत्रों में जाकर दस्तक देगी। इस दौरान टीबी को लेकर लोगों की स्क्रीनिंग मौके पर होगी। मौके पर ही उन लोगों के सैंपल लिए जाएंगे, जिनमें टीबी जैसे लक्षण मोबाइल हेल्थ यूनिट को मिलेंगे। इन सैंपलों की जांच के बाद जो लोग टीबी पॉजिटिव मिलेंगे, उन्हें उपचार दिया जाएगा। जींद में इस अभियान के पहले 14 दोनों में 500 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से 300 के सैंपल लेकर उनकी जांच की गई। जांच में केवल 3 लोग टीबी पॉजिटिव मिले। जींद में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के प्रभारी डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पालेराम कटारिया के अनुसार 5 नवंबर से टीबी मरीजों का उनके घर तक जाकर पता लगाने के लिए खास अभियान चलाया गया है।