ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 20 नवंबर
Diabetes विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर आज आयोजित एक स्वास्थ्य सत्र में, मैक्स हॉस्पिटल के वरिष्ठ एंडोक्राइनोलॉजिस्ट और मधुमेह विशेषज्ञों ने मधुमेह के शुरुआती लक्षणों को पहचानने और समय रहते उचित कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इन लक्षणों में अत्यधिक प्यास, बार-बार पेशाब आना, अस्पष्ट थकान और धुंधली दृष्टि प्रमुख हैं।
मैक्स हॉस्पिटल के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के निदेशक और प्रमुख डॉ. सुशील कोटरू ने कहा, “विश्व मधुमेह दिवस हमें अपने स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेने की प्रेरणा देता है। सही जानकारी और जीवनशैली में बदलाव से मधुमेह के खतरे को काफी हद तक रोका जा सकता है। यह केवल इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि रोकथाम और शुरुआती हस्तक्षेप पर भी आधारित है।”
डॉ. कोटरू ने नियमित स्वास्थ्य जांच के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि मधुमेह का शीघ्र पता लगाकर प्रभावी प्रबंधन किया जा सकता है।
निशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित
इस अवसर पर मैक्स हॉस्पिटल में एक मेगा स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया, जिसमें मधुमेह, एचबीए1सी, टीएसएच, लिपिड प्रोफाइल, फुट चेकअप, फाइब्रो स्कैन, हड्डी डेंसिटोमेट्री, एनटी प्रो बीएनपी, आहार विशेषज्ञ परामर्श, और मोटापे के आकलन की निशुल्क जांच की गई।
डॉ. कोटरू ने आगे कहा,
“हमारा उद्देश्य मधुमेह और उसकी जटिलताओं के बढ़ते बोझ को कम करना है, जो हृदय रोग, गुर्दे की विफलता और अंधत्व जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। जागरूकता और समय पर जांच के जरिए इन जोखिमों को कम किया जा सकता है।”
जीवनशैली में सुधार पर जोर
डॉ. कोटरू ने स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन को मधुमेह की रोकथाम और प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण बताया। विश्व मधुमेह दिवस पर यह पहल आमजन को जागरूक और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।