गुरुग्राम, 20 नवंबर (हप्र)
नाबालिग के वीडियो को तोड़-मरोड़ कर प्रसारित करने के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार मेहता की अदालत ने महिला पत्रकार चित्रा त्रिपाठी और सैयद सोहेल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं।
सुनवाई के दौरान, दोनों आरोपी अपने अधिवक्ताओं के साथ अदालत में पेश हुए। उनके अधिवक्ताओं ने हाजिरी माफी का आवेदन किया, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया और उनकी जमानत रद्द कर दी। चित्रा त्रिपाठी के अधिवक्ता ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और सोहेल के अधिवक्ता ने उत्तर प्रदेश उपचुनाव में व्यस्तता का हवाला दिया, लेकिन अदालत ने इन तर्कों को नकारते हुए दोनों आरोपियों को अदालत की उपस्थिति से छूट देने से मना कर दिया। मामले में आरोप है कि 2013 में पालम विहार में संत आसाराम बापू के कार्यक्रम के वीडियो को तोड़-मरोड़ कर प्रसारित किया गया था, जिससे परिवार की छवि को नुकसान हुआ। दोनों आरोपियों के खिलाफ 30 नवंबर तक गिरफ्तारी वारंट तामील कराने को पुलिस को कहा है।