नारनौल, 20 नवंबर (हप्र)
गांव छीलरो में मंगलवार रात को एक अनूठी परंपरा का पालन किया गया, जहां परिवार ने अपनी बेटी को घोड़ी पर बैठाकर उसका बनवारा निकाला। इस पहल के माध्यम से बेटा-बेटी की समानता का संदेश समाज तक पहुंचाया गया। शादी के इस अवसर पर परिवार की महिलाएं मंगल गीत गाते हुए नाचते हुए बनवारा निकाल रही थीं।
बताया गया कि डॉ. नीतू राढ़ की शादी की रस्मों में यह अनोखा कदम उठाया गया। नीतू के माता-पिता, नरेश देवी और विजय कुमार ने बेटी को घोड़ी पर बैठाकर समाज को एक सुंदर संदेश दिया। दुल्हन के ताऊ, कैप्टन विजेंद्र सिंह ने कहा कि इस अवसर पर घोड़ी और ढोल बजाकर परिवार के सदस्य नाचते हुए बनवारा निकाले। उन्होंने यह भी कहा कि अब लड़का और लड़की के बीच भेदभाव की पुरानी परंपराएं समाप्त हो रही हैं। नीतू की शादी 22 नवंबर को कैप्टन निशांत के साथ होगी। नीतू ने बताया कि उनके पारिवारिक वातावरण में हमेशा से ही बेटा और बेटी को समान समझा गया है।