पंचकूला/ पिंजौर, 6 जून (हप्र/ निस)
पंजाब यूनिवर्सिटी में हरियाणा का हक नकारने को लेकर एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपांशु बंसल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा पीयू में हरियाणा की हिस्सेदारी को लेकर सीधे तौर पर मना करने पर खेद व्यक्त किया है। दीपांशु ने कहा कि भगवंत मान इस मुद्दे पर राजनीति न करें और छात्र हित में पंजाब यूनिवर्सिटी के परिवार को बढ़ा करें। वह स्वयं भी पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र रहे हैं और पंजाब यूनिवर्सिटी का परिवार बढ़ने से भगवंत मान को राजनीति करने का कोई अधिकार नहीं है। इस मामले को एसवाईएल के मामले की तरह राजनीतिक बनाकर भगवंत मान सिर्फ छात्रों का नुकसान कर रहे हैं। उन्होंने कहा पीयू में हरियाणा का हक पहले से ही है। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार को किसी प्रकार से इस हक को हरियाणा को देने से मना करने का कोई अधिकार नहीं है। दीपांशु ने कहा हरियाणा के कालेज पहले पंजाब यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड थे।
अब भी शिवालिक क्षेत्र जिला पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर के कालेजों को पीयू से एफिलिएट करवाने के लिए मांग की जा रही है जिससे इस इलाके के सभी बच्चों को बेहतर शैक्षणिक सुविधा मिल पाएगी। यहां के बच्चों को कुरुक्षेत्र विवि में जाने के लिए 100 किमी का सफर करना पढ़ता है और काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिसके चलते बच्चों को शिक्षा पर बुरा असर पढ़ता है। पंचकूला वैसे भी ट्राइसिटी का हिस्सा है। ऐसे में हरियाणा के बच्चों के साथ चंडीगढ़ में एडमिशन के लिए भेदभाव होता है।