वाशिंगटन, 22 जून (भाषा)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन रक्षा, अंतरिक्ष और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में बढ़ते भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को और बढ़ावा देने के लिए उच्च स्तरीय वार्ता करने से पहले बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में आमने-सामने की बैठक करेंगे। व्हाइट हाउस ने बुधवार को एक बयान में कहा, ”यह यात्रा अमेरिका और भारत के बीच घनिष्ठ और करीबी साझेदारी तथा परिवार एवं मित्रता के गर्मजोशी भरे संबंधों को और मजबूत करेगी जो अमेरिकियों तथा भारतीयों को एक साथ जोड़ता है।” बयान में कहा गया, ”यह यात्रा मुक्त, खुले, समृद्ध और सुरक्षित हिंद-प्रशांत के लिए हमारे दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को मजबूत करेगी और रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और अंतरिक्ष सहित प्रौद्योगिकी साझेदारी को बढ़ाने के साझा संकल्प को मजबूत करेगी।” व्हाइट हाउस के अनुसार, दोनों नेता शैक्षणिक आदान-प्रदान तथा लोगों के बीच परस्पर संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। साथ ही जलवायु परिवर्तन से लेकर कार्यबल विकास और स्वास्थ्य सुरक्षा की साझा चुनौतियों से निपटने के लिए एक साथ मिलकर काम करने के तरीकों पर बातचीत करेंगे।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिका की यात्रा पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वाशिंगटन की उनकी यात्रा तथा राष्ट्रपति बाइडन से चर्चा ‘हमारी साझेदारी की गहरायी और विविधता को समृद्ध करने का अवसर’ होगी। उन्होंने मंगलवार को अमेरिका आने से पहले कहा था कि दोनों देश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में निकटता से सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ”हम दोनों देश मुक्त, खुले एवं समावेशी हिंद-प्रशांत को लेकर साझा नजरिए की दिशा में भी मिलकर काम कर रहे हैं।” मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि अमेरिका की उनकी यात्रा लोकतंत्र, विविधता और स्वतंत्रता के साझा मूल्यों पर आधारित दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगी। राष्ट्रपति बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन साउथ लॉन में एक आधिकारिक समारोह में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करेंगे और उन्हें 21 बंदूक की सलामी दी जाएगी।
साउथ लॉन में स्वागत समारोह में हजारों भारतीय अमेरिकियों के शामिल होने की उम्मीद है। हालांकि, स्वागत समारोह में बारिश से खलल पड़ने की आशंका है लेकिन इससे उन हजारों भारतीय-अमेरिकियों का उत्साह फीका होने के आसार नहीं दिख रहे जो दूर-दराज के इलाकों से अमेरिकी राजधानी पहुंचे हैं। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और उनके पति डग एमहॉफ भी स्वागत समारोह में शामिल होंगे। इसके बाद दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के नेता ओवल ऑफिस में द्विपक्षीय बैठक करेंगे। मोदी और बाइडन का व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम में एक साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है और पत्रकार भी उनसे सवाल पूछ सकते हैं।
आम तौर पर प्रत्येक पक्ष दो सवालों का जवाब देता है लेकिन कई बार यह एक सवाल भी हो सकता है। नवंबर 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की राजकीय यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने एक-एक सवाल का जवाब दिया था। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी कांग्रेस की एक संयुक्त बैठक को संबोधित करने के लिए संसद भवन जाएंगे। इसमें कांग्रेस सदस्य और सीनेटरों के साथ ही दर्शक दीर्घा में सैकड़ों भारतीय-अमेरिकियों के शामिल होने की उम्मीद है। जब मोदी आज अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे तो वह इजराइल के बाहर दो बार ऐसा संबोधन देने वाले दुनिया के तीसरे नेता बन जाएंगे। दो अन्य नेता विंस्टन चर्चिल ने 1941, 1943 और 1952 तथा नेल्सन मंडेला ने 1990 और 1994 में अमेरिकी संसद को संबोधित किया था। मोदी ने इससे पहले 2016 में अमेरिकी संसद को संबोधित किया था।