चंडीगढ़, 18 जून (ट्रिन्यू)
प्रॉपर्टी आईडी के चलते प्रदेश शहर के लोग परेशान हैं। प्रॉपर्टी आईडी राज्य में बड़ा मुद्दा बन चुकी है। लोगों द्वारा इसका विरोध भी किया जा रहा है। हालांकि, त्रुटियों को दूर करने के लिए नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाओं द्वारा विशेष कैंप लगाए जा चुके हैं, लेकिन समस्याएं दूर नहीं हो रही हैं। पिछले दिनों तो निकायों ने विशेष कैंप के लिए लोगों के पास मोबाइल पर मैसेज उसी दिन भेजा, जिस दिन कैंप लगाया जाना था। ये मैसेज भी शाम को आए। इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी सरकार ने निकायों पर अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया है। इस मामले पर सीएम के पूर्व मीडिया एडवाइजर राजीव जैन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और निकाय मंत्री डॉ़ कमल गुप्ता को पत्र लिखकर इसके लिए फार्मूला सुझाया है। उनका कहना है कि सरकार को चाहिए कि प्रॉपर्टी आईडी को एनडीसी पोर्टल से अलग करे। कुछ दिनों के लिए ऐसा करके पहले लोगों की त्रुटियों को दूर किया जाए। त्रुटियां दूर होने के बाद प्रॉपर्टी आईडी को फिर से पोर्टल के साथ कनेक्ट किया जा सकता है।
जैन ने कहा कि सर्वे करने वाली एजेंसी ने अड़ोसी-पड़ोसी से पूछकर प्रापर्टी मालिक का नाम आईडी में दिखा दिया। असली मालिक नो-ड्यूज सर्टिफिकेट लेने जाता है तो किसी और का नाम देखकर उसे झटका लगता है। उन्होंने कहा कि अवैध कालोनी में नाम और मोबाइल नंबर तो ठीक हो सकता है, परंतु क्षेत्रफल गलत है तो वह त्रुटि दूर करने का विकल्प पोर्टल में नहीं है। जैन ने लिखा है कि पोर्टल में एक कालोनी का सारा एरिया तो वैध है, बीच की एक पाकेट अवैध बता दी गई, जो व्यवहारिक नहीं है।
इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। इसके अलावा, किसी प्रापर्टी का पिछला टैक्स गलत लगा हुआ है। अब हाल में टैक्स ठीक हो गया है तो पिछला टैक्स ठीक करने की पावर नगर निगम कमीशनर को दी जानी चाहिए। इसी तरह कोई प्राॅपर्टी मिक्स यूज की है तो उस पर जितना क्षेत्र व्यवसायिक है उसका कमर्शियल टैक्स और रेजिडेंसियल पर गैर-व्यवसायिक कर अलग-अलग करने का प्रावधान नहीं है।
भाजपा नेता का कहना है कि हुड्डा के सैक्टरों में छत पर निर्मित मोंटी को भी एक फ्लौर दिखा रहे हैं, जो ठीक करने के निर्देश पोर्टल में होने चाहिए। हर कोई नागरिक कंप्यूटर पर चेक नहीं कर सकता, इसलिए जल्द से जल्द प्रॉपर्टी टैक्स बिल वितरित किए जाये ताकि प्रॉपर्टी आईडी की जानकारी हर नागरिक को हो जाये।