रमेश सरोए/ हप्र
करनाल,9 जून
केंद्रीय पुल में सरकारी चावल लौटाने की अंतिम तिथि बीत चुकी हैं, राइस मिलर्स एफसीआई में चावल जमा करवाने की जद्दोजहद करते दिख रहे हैं। राइस मिलर्स खाद्य आपूर्ति, हैफेड, वेयर हाउस अधिकारियों के साथ-साथ एफसीआई अधिकारियों के पास लगातार फोन की घंटिया घनघना रहे हैं ताकि चावल जमा करवा सकें। वहीं देर शाम भारत सरकार ने राइस मिलर्स को सरकारी चावल केंद्रीय पुल में जमा करवाने के लिए 30 जून तक टाइम दिया है, साथ ही एफसीआई को हिदायत जारी की है कि चावल लेते वक्त गहनता के साथ जांच करें।
सरकार के नये आदेश जारी होने से राइस मिलर्स ने राहत की सांस ली है।
क्या कहते हैं अधिकारी
एफसीआई डीएम इंद्रनील मंडल ने बताया कि उनके अंर्तगत आने वाले करनाल,जगाधरी, पंचकूला, पानीपत व अम्बाला के राइस मिलर्स द्वारा 1.81 लाख एमटी चावल पेंडिंग है।
उन्होंने कहा कि अकेले करनाल में 88 हजार मीट्रिक टन चावल बचा है। खाद्य आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर राजेश ने बताया कि राइस मिलर्स के पास पेंडिंग चावल जमा करवाने के लिए सरकार से समय की मांग की है।
1 लाख 81 हज़ार मीट्रिक टन चावल पेंडिंग
एफसीआई से मिले आकड़ों अनुसार करनाल, जगाधरी, अम्बाला, पंचकूला सहित पानीपत के राइस मिलर्स को भारत सरकार को 1 लाख 81 हजार एमटी चावल लौटाना है, अकेले करनाल जिला के राइस मिलर्स को 88 हजार एमटी चावल पेंडिग है, जो चावल की एक बहुत बड़ी मात्रा है। हालांकि सरकार ने राइस मिलर्स को चावल लौटाने के लिए 2 माह का अतिरिक्त समय दिया था, जो अब 31 मई को बीत चुकी थी। यहीं नहीं अगर राइस मिलर्स समय रहते केंद्रीय पुल में चावल जमा करवा देते तो उन्हें प्रति क्विंटल बोनस मिलना तय था। लेकिन समय पर चावल न जमा करवाने के पीछे कई बड़े आर्थिक लाभ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। डीएफएससी कम नोडल अधिकारी अनिल कालड़ा ने बताया कि फिलहाल चावल जमा करवाने की तिथि को अब 30 जून निर्धारित किया है।