हमारे बारे में
Sardar Dyal Singh Majithia
द ट्रिब्यून
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।
आज की कारोबारी पत्रकारिता के दौर में दैनिक ट्रिब्यून भीड़ से अलग है, क्योंकि इसकी विशेषताएं हैं:
- •पत्रकारिता के उच्च मापदंडों का अनुपालन
- •बिना किसी भेदभाव के समाचार और विचारों का प्रकाशन
- •समाचारों में संयम और संतुलन
- •सनसनीखेज भाषा से परहेज
- •राजनैतिक प्रभाव से दूर, निष्पक्ष
- •समाज की चिंताओं से सरोकार
- •जनता की आवाज का संवाहक
ट्रिब्यून ट्रस्ट के सदस्य
Mr. N. N. Vohra
Justice S. S. Sodhi
Lt. Gen S. S. Mehta (retd)
Mr. Gurbachan Jagat
Mr. Paramjit Singh Patwalia