ईसा मसीह अपने शिष्यों के साथ येरुशलम पहुंचे। वहां के गिरजाघर की शानो-शौकत को देखकर ईसा बोले, ‘इसकी सारी भव्यता निरर्थक है। एक दिन ये नश्वरता की श्रेणी में होगा।’ उनकी बात सुनकर उनके शिष्य दुखी हो गए। वे उनसे कहने लगे, ‘आप प्रभु के घर के बारे में ऐसा क्यों सोचते हैं?’ ईसा मसीह बोले, ‘मैं तुम्हें अपना ध्यान भगवान के उस मन्दिर में लगाने को कहता हूं, जो कभी नष्ट नहीं हो सकता। तुम्हारी अंतरात्मा प्रभु का शाश्वत निवास स्थान है।’
प्रस्तुति : सुरेन्द्र अग्निहोत्री