भारत में परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के जनक डॉ. होमी जहांगीर भाभा विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात इस वैज्ञानिक को कई नामी विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य के लिए आमन्त्रित किया गया लेकिन उन्होंने अपना कार्यक्षेत्र भारतीय वैज्ञानिक संस्थान बैंगलोर को चुना जहां वे भौतिक शास्त्र के प्राध्यापक के पद पर रहे। वर्ष 1950 से 1966 तक वह परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष व भारत सरकार के सचिव भी रहे। डॉ. भाभा कभी भी अपने चपड़ासी को अपना ब्रीफ़केस उठाने नहीं देते थे। एक बार उनके एक मित्र ने इसका कारण पूछा तो डॉ. भाभा ने उत्तर दिया कि मैं सर्वप्रथम एक साधारण व्यक्ति हूं तत्पश्चात एक वैज्ञानिक। जिस पद पर आज मैं बैठा हूं उस पर कल कोई और बैठेगा इसलिए मैं पद के अभिमानवश अपना बोझ दूसरों पर कैसे लाद सकता हूं? मित्र उनकी विनम्रता के आगे नतमस्तक हो गया।
प्रस्तुति : नीरोत्तमा शर्मा