नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा)
Share Review: घरेलू मोर्चे पर किसी प्रमुख घटनाक्रम के अभाव में इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक रुख और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
उन्होंने कहा कि मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से इस सप्ताह बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा प्रमुख ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की कटौती के बाद पिछले सप्ताह स्थानीय शेयर बाजारों में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती का उभरते बाजारों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और भारत वैश्विक निवेशकों के बीच पसंदीदा गंतव्य बनकर उभरा है।
उन्होंने कहा कि सप्ताह के दौरान विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने आक्रामक लिवाली की। अकेले शुक्रवार को ही FII ने भारतीय शेयर बाजारों में 14,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया। उन्होंने कहा, ‘इस सप्ताह बाजार को दिशा देने वाला कोई बड़ा संकेतक नहीं है। हालांकि, अमेरिका के वृहद आर्थिक आंकड़े बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे। FII प्रवाह भारतीय शेयर बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण कारक बना रहेगा, साथ ही घरेलू संस्थागत प्रवाह पर भी सभी की निगाह रहेगी।’
मीणा ने कहा, ‘ हालांकि, बाजार फिलहाल भू-राजनीतिक जोखिमों से प्रभावित नहीं दिख रहा है, लेकिन यह आगे बाजार के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकता है। डेरिवेटिव निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।’
गत शुक्रवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,359.51 अंक या 1.63 प्रतिशत के उछाल के साथ 84,544.31 अंक के सर्वकालिक उच्चस्तर पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान यह 1,509.66 अंक या 1.81 प्रतिशत चढ़कर 84,694.46 के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा था। इसी तरह उसी दिन नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 375.15 अंक या 1.48 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 25,790.95 अंक के स्तर पर बंद हुआ।
दिन में कारोबार के दौरान निफ्टी 433.45 अंक या 1.70 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,849.25 अंक के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा था। बीते सप्ताह सेंसेक्स 1,653.37 अंक या 1.99 प्रतिशत के लाभ में रहा। वहीं निफ्टी में 434.45 अंक या 1.71 प्रतिशत का उछाल आया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख (संपत्ति प्रबंधन) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘ बाजार धीरे-धीरे ऊपर चढ़ रहा है। हमें उम्मीद है कि मजबूत FII प्रवाह, स्वस्थ घरेलू वृहद कारक और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी के बारे में घटती चिंता के कारण इस सप्ताह भी इसकी सकारात्मक रफ्तार जारी रहेगी।’
विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमतों में उतार-चढ़ाव से भी बाजार की दिशा प्रभावित होगी। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘हालांकि, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की प्रमुख घटना पीछे रह गई है, लेकिन आगे भी बाजार की दिशा के लिए सभी का ध्यान अमेरिका पर रहेगा। इसके अलावा विदेशी कोषों के प्रवाह और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर भी निवेशकों की निगाह रहेगी।’