नयी दिल्ली, 21 जुलाई (एजेंसी)
सरकार ने बृहस्पतिवार को संसद में कहा कि वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा के अनुमोदित ब्याज दर (8.10 प्रतिशत) पर पुनर्विचार करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार कर्मचारी भविष्य निधि जमा राशि पर ब्याज की दर को बढ़ाने पर पुनर्विचार करेगी। उन्होंने हालांकि कहा कि यह दर अन्य तुलनीय योजनाओं जैसे सामान्य भविष्य निधि (7.10 प्रतिशत), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (7.40 प्रतिशत) तथा सुकन्या समृद्धि खाता योजना (7.60 प्रतिशत) से अधिक है। मंत्री ने कहा, ‘ईपीएफ योजना, 1952 के अनुच्छेद 60(1) के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) केन्द्र सरकार द्वारा केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) व ईपीएफ के परामर्श से यथानिर्धारित दर पर प्रत्येक सदस्य के खाते में ब्याज जमा करेगा।’ उन्होंने कहा कि सीबीटी व ईपीएफ ने ईपीएफ पर 2021-22 की खातिर 8.10 प्रतिशत ब्याज दर की सिफारिश की थी जिसे सरकार द्वारा मंजूर कर लिया गया है।