लखनऊ, 17 सितंबर (एजेंसी)
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने पेट्रोल और डीजल को फिलहाल जीएसटी के दायरे में न लाने का निर्णय किया है। जीएसटी परिषद की यहां हुई 45वीं बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि डीजल में मिलाये जाने वाले बायोडीजल पर जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। परिषद की बैठक में किये गये फैसलों की जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा, ‘जीएसटी परिषद का मानना है कि यह समय पेट्रोलियम पदार्थों को माल एवं सेवा कर के दायरे में लाने का नहीं है।’
उन्होंने बताया कि जीएसटी परिषद ने कोविड उपचार में उपयोग होने वाली दवाओं पर लागू जीएसटी की रियायती दरों की समयावधि को 31 दिसंबर, 2021 तक के लिए बढ़ा दिया है। साथ ही परिषद ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं पर भी कर दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, माल ढुलाई वाहनों के परिचालन के लिये राज्यों द्वारा वसूले जाने वाले राष्ट्रीय परमिट शुल्क से छूट देने का फैसला किया गया है। सीतारमण ने कहा कि परिषद ने जूता-चप्पल और कपड़ों पर एक जनवरी, 2022 से उल्टा शुल्क ढांचे (कच्चे माल पर कम और तैयार माल पर अधिक शुल्क) को ठीक करने को लेकर सहमति जतायी है। कलम पर 18 प्रतिशत की एकल दर से जीएसटी जबकि विशिष्ट नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर 12 प्रतिशत माल एवं सेवा कर लगाने का निर्णय किया गया है।
स्विगी और जोमैटो की रेस्तरां सेवा पर भी कर
परिषद द्वारा लिये गये एक अन्य फैसले में कहा गया है कि स्विगी और जोमैटो जैसी ई-वाणिज्य इकाइयां, उनके जरिये आपूर्ति की जाने वाली रेस्तरां सेवा पर एक जनवरी 2022 से 5% जीएसटी का भुगतान करेंगी, यह कर डिलीवरी बिंदु पर वसूला जाएगा।