चंडीगढ़, 11 नवंबर (ट्रिन्यू)
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के उपलक्ष्य में सोसायटी फॉर प्रमोशन ऑफ साइंस ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन इंडिया (एसपीएसटीआई) एवं नेशनल अकडेमी ऑफ़ साइंसेज इंडिया, इंडियन नेशनल साइंस अकडेमी, इंडियन नेशनल यंग अकडेमी ऑफ़ साइंसेज की चंडीगढ़ शृंखला और पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान और हरियाणा स्टेट कौंसिल फॉर साइंस इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी, हरियाणा सरकार के सहयोग से व्याख्यान का आयोजन किया गया। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन के पूर्व अध्यक्ष प्रो. वेद प्रकाश ने मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के दूरदर्शी विचारों पर व्याख्यान दिया। यह व्याख्यान पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पेक यूनिवर्सिटी) के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया।
एसपीएसटीआई के अध्यक्ष धर्मवीर (आईएएस) ने कहा कि मौलाना आजाद वह व्यक्ति थे जिन्होंने शिक्षा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका की शुरुआत की थी। उन्होंने मौलाना आजाद का हवाला देते हुए कहा कि तत्कालीन संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान घोषित करने के लिए एक अधिनियम लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और एसपीएसटीआई के उपाध्यक्ष प्रो. अरुण के. ग्रोवर ने कहा कि समावेशी तरीके से शिक्षा के प्रसार ने राष्ट्र को आगे बढ़ाने में मदद की है।
प्रो. वेद प्रकाश ने मौलाना आज़ाद को दूरदर्शी व्यक्ति के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि उनके काम ने भारत को प्रगति के पथ पर ला खड़ा किया। एनसीईआरटी के लिए उनका विचार था कि इसे क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (आरआईई) के साथ निकट समन्वय में काम करने की जरूरत है जो शिक्षकों और शिक्षक प्रशिक्षण को पूरा करता है।