मनीमाजरा (चंडीगढ़), 19 जून (हप्र)
चार गांवों में 33 एकड़ जमीन की नीलामी के मामले में यू-टर्न लेने पर आप-कांग्रेस पर हमला करते हुए शहरी भाजपा ने बुधवार को कहा कि भाजपा और जनता के दबाव के कारण ही उन्होंने नोटिस वापस लिया है। चंडीगढ़ भाजपा के मीडिया कोऑर्डिनेटर संजीव राणा ने कहा कि सबसे पहले, कृषि के लिए नीलाम की जाने वाली जमीन का आरक्षित मूल्य बहुत कम था। दूसरे, असामान्य तरीके से उन्होंने नगर निगम हाउस के प्रस्ताव के पारित होने के तीन दिन बाद ही नोटिस जारी करवा दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा के नेतृत्व में भाजपा पार्षदों और नेताओं ने इस संबंध में यूटी प्रशासक के सलाहकार से मुलाकात की, जिसके बाद दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं को एक बैठक बुलानी पड़ी और मेयर से नोटिस वापस लेने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि वही मेयर जिसने कांग्रेस और आप पार्षदों के समर्थन से इस एजेंडे को मंजूरी दिलाई थी, बाद में इसे वापस ले लिया। मेयर को पूरे मामले पर जनता को स्पष्टीकरण देना चाहिए। इसे चुपचाप क्यों लाया गया और करोड़ों रुपए की जमीन को मूंगफली के दाम पर देने के पीछे उनका क्या मकसद था। भाजपा नेता ने कहा कि ऐसा लगता है कि टेंडर जारी करने और आम आदमी पार्टी के लोगों को इसका लाभ दिलाने की पहले से ही योजना थी। भाजपा इस गठबंधन को नगर निगम के संसाधनों पर हमला नहीं करने देगी।