एस अग्निहोत्री/हप्र
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 19 अगस्त
इंटरनेशनल ड्रग तस्करी केस में लुधियाना के रहने वाले मनी कालरा (31) को गिरफ्तार किया है। मनी नशा तस्करी के पैसे को विदेश में शैल कंपनियों के जरिए भेजता था। पुलिस की अब तक की जांच में सामने आया है कि वह 350 करोड़ भेज चुका है। वहां से यह पैसा पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बैठे नशा तस्करों तक पहुंचाया जाता था। आरोपी मनी कालरा के भाई सनी कालरा की दुबई में शैल कंपनियां है। यह दोनों आपस में इन कंपनियों के जरिए ट्रेड करके पैसे का आदान-प्रदान करते थे। पुलिस ने बताया कि आरोपी का पिता सुरेंद्र कालरा विदेश में बैठा है। यह तीनों एनसीबी के वांटेड हैं। इन तीनों का नाम एनसीबी द्वारा पकड़े एक ड्रग केस में आया था, लेकिन एनसीबी इनमें से किसी को भी गिरफ्तार नहीं कर पाई थी। पिछले दिनों पुलिस ने इंटरनेशनल नशा तस्कर गिरोह के 6 सदस्यों को काबू किया था। इनमें से एक चंदन नाम के व्यक्ति से पूछताछ में मनी कालरा का नाम सामने आया था। चंदन ने पिछले दिनों ही 6.5 लाख रुपए मनी कालरा को ट्रांसफर किए थे। उल्लेखनीय है कि क्राइम ब्रांच की टीम ने 27 जुलाई से 29 जुलाई के बीच गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इसमें शुभम जैन, पंजाब के फिरोजपुर निवासी पुनीत कुमार, पवनप्रीत सिंह, चंदन, रविंदर पाल और मोगा निवासी जगजीत शामिल थे। इन आरोपियों से 78 लाख 38 हजार 200 रुपये नगदी, 200 ग्राम हेरोइन, 108 ग्राम आइस, एक देसी पिस्टल और छह कारतूस मिले थे।
मेलबर्न से चल रहा सिंडीकेट
इस गिरोह का सरगना सिमरन सिंह आस्ट्रेलिया के मेलबर्न में बैठकर अपने पाकिस्तानी साथी आरिफ डोगर के साथ मिलकर ड्रग्स का सिंडीकेंट संचालित कर रहा है। सिमरन को मोहाली पुलिस ने साल 2018 में गिरफ्तार किया था। दोनों सरगना पाकिस्तान के बार्डर एरिया से ड्रग्स की भारत में तस्करी करवाते हैं। जमानत पर बाहर आने के बाद सिमरन फरार हो गया था।