मनीमाजरा (चंडीगढ़), 11 अक्तूबर (हप्र)
पंजाब विश्वविद्यालय में कल से चंडीगढ़ साइंस कांग्रेस (चैसकॉन) शुरू होने जा रही है। 2007 में शुरू हुई चैसकॉन उसके बाद से हर साल आयोजित की जा रही है। इस राष्ट्रीय कार्यक्रम का विषय ‘वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान’ है। चैसकॉन वैज्ञानिकों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और उद्योगों के दिग्गजों को बातचीत, विशेषज्ञों द्वारा आम जनता के व्याख्यान और पैनल चर्चा जैसे कई विचार-विमर्श में भाग लेने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इस समय चंडीगढ़ रीजन इनोवेशन नॉलेज क्लस्टर (क्रिक संस्थानों) के सहयोग से इसका आयोजन करना पीयू के लिए गर्व की बात है और वो भी ऐसे समय में जब पूरा देश चंद्रयान और आदित्य एल-1 मिशन को लेकर उत्साहित है और शानदार ढंग से सफल जी-20 अध्यक्षता का जश्न मना रहा है। जी-20 शिखर सम्मेलन में जलवायु, ऊर्जा, प्रदूषण, एक स्वास्थ्य को लेकर कई वैज्ञानिक चुनौतियाँ सामने आई हैं। इन चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए चैसकॉन शिक्षाविदों के लिए एक आकर्षक कार्यक्रम होगा। एनएएसआई के अध्यक्ष, एम्स में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर और स्टैनफोर्ड इंडिया बायोडिजाइन सेंटर, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल बायोडिजाइन (एसआईबी) के कार्यकारी निदेशक पदमश्री अवार्डी डॉ. बलराम भार्गव मुख्य वक्ता हैं। उन्होंने रिकॉर्ड समय में स्वदेशी कोविड-19 कोवैक्सिन के विकास और रोलआउट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सम्मानित अतिथियों में पीजीआई के निदेशक डॉ. विवेक लाल भी शामिल हैं। उनका सिरदर्द और न्यूरो-नेत्र विज्ञान क्षेत्र में काफी काम है और उन्होंने भारत में नेत्र रोग संबंधी माइग्रेन की पहचान और खोज में अग्रणी काम किया है।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रो. ब्रूस अल्बर्ट्स ‘क्यों विज्ञान शिक्षा अधिकांश वैज्ञानिकों की सोच से अधिक महत्वपूर्ण है’ विषय पर बात करेंगे। प्रो अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम (बेंगलुरु) जो चंद्रयान 3 और आदित्य एल1 मिशन से जुड़ी हैं, ‘इन मिशनों के बारे में क्यों, कैसे और क्या’ के बारे में बात करेंगी। 2030 तक भुखमरी से मुक्ति एक और स्थायी लक्ष्य है और सुपर फसल बाजरा कैसे योगदान दे सकता है, इस पर भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के पूर्व निदेशक डॉ. विलास टोनापी द्वारा चर्चा की जाएगी। फैटी लीवर रोग, जो एक बढ़ती वैश्विक समस्या है, पर पीजीआई के प्रोफेसर योगेश चावला चर्चा करेंगे।