मनीमाजरा (चंडीगढ़), 5 नवंबर (हप्र)
सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा मंगलवार को नहाय खाय से शुरू हो गया। इससे बाद बुधवार को खरना होगा। इसमें व्रती पूरा दिन बिना अन्न जल ग्रहण किए शाम में खीर व फलों का प्रसाद ग्रहण करेंगी। खरना के बाद व्रती 24 घंटे का अखंड उपवास करेंगी। बृहस्पतिवार को छठ पूजा के व्रती लोग ढलते सूर्य को और शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपना व्रत पूरा करेंगे। ट्राईसिटी के हजारों की संख्या में लोग सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचेंगे। चंडीगढ़ में चार दिवसीय छठ पूजा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। छठ पूजा के लिए बड़ी संख्या में लोग हर साल की तरह इस साल भी वीरवार व शुक्रवार को सेक्टर-42 की न्यू लेक पर पहुंचेंगे। लेक पर पूजा के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
पूर्वांचल परिवार के शुभचिंतक एवं जय मधुसुदन जय श्रीकृष्ण फाउंडेशन के संस्थापक पर्यावरण सेवक प्रभुनाथ शाही ने बताया कि छठ पूजा के पहले दिन मंगलवार को छठ व्रती स्नान एवं पूजन अर्चन के बाद चावल और लौकी की सब्जी का प्रसाद ग्रहण कर व्रत की शुरुआत की और 6 नवंबर को सायंकाल खरना का प्रसाद होगा जिसमे गेहूँ की रोटी और गुड़ से बनी खीर का प्रसाद होगा। खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद निर्जलाव्रत की शुरुआत होगी और 7 नवंबर को सायंकाल डूबते सूर्य को जल का अर्घ्य दिया जाएगा तथा 8 नवंबर को प्रातःकाल उगते सूर्य के अर्घ्य के साथ छठ व्रती अपना व्रत पूर्ण करेंगे और सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित करेंगे। शाही ने बताया कि सूर्य उपासना के इस महान पर्व से स्वच्छता,स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण के साथ सामाजिक समरसता का संदेश मिलता हैं।