एस.अग्निहोत्री/हप्र
पंचकूला, 7 सितंबर
कालका विधानसभा सीट इस बार कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवारों के लिए वर्चस्व की जंग बन गई है। जहां कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप चौधरी को अपनी विधायकी बचाने के लिए पूरा जोर लगाना पड़ेगा, वहीं भाजपा प्रत्याशी शक्तिरानी शर्मा को भी हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को मिली 11 हजार वोटों की लीड को कायम रख कर सीट जीतने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ेगी।
कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप चौधरी दो बार कालका से विधायक बने हैं। इस बार फिर उन्हें कांग्रेस ने मौका देकर चुनाव मैदान में भेजा है। प्रदीप चौधरी ने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी लतिका शर्मा को हराया था। वह अब प्रदेश में कांग्रेस की हवा के दावों के चलते कालका सीट फतेह करने के प्रयास में लगे हैं। कालका सीट पर भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी शक्तिरानी शर्मा को उतारा है। वह कालका सीट पर हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी से वर्ष 2014 में भी चुनाव लड़ चुकी हैं जिसमें उनकी हार हुई थी।
दों पार्टियों को भितरघात का अंदेशा
भाजपा की टिकट के लिए पूर्व विधायक लतिका शर्मा दौड़ में थीं। इसके अलावा वीरेंद्र भाऊ, ओम प्रकाश देवीनगर, संत राम शर्मा भी टिकट के लिए प्रयास कर रहे थे। शनिवार को भाजपा प्रत्याशी शक्तिरानी शर्मा के रोड शो में ओम प्रकाश देवीनगर को छोड़कर टिकट की दौड़ में शामिल कोई नेता नहीं दिखा। लतिका के समर्थक उन्हें टिकट न दिए जाने के कारण पहले ही रोष जता कर सभा कर चुके हैं।
कालका से कांग्रेस की टिकट पाने के लिए भी कई नेता दौड़ में थे, जिन्हें चुनाव प्रचार में लाना कांग्रेस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। रविवार को भी जब कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव प्रचार आरंभ करने के लिए मंदिर में माथा टेकने के लिए निकले तो कांग्रेस की टिकट मांग रहे नेताओं में से कोई भी मौके पर मौजूद नहीं था। सूत्रोंं का कहना है कि अगर समय रहते रूठों को मनाने का काम शुरू न हुआ तो दोनों दलों को भहतरघात का खतरा रहेगा।