पंचकूला/पिंजौर, 22 नवंबर (ट्रिन्यू/निस)
चंडीगढ़-बद्दी रेलवे लाइन के लिये अधिगृहीत जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर सोमवार को चंडीमंदिर टोल प्लॉजा पर किसानों ने रेल प्रशासन के विरुद्ध रोष प्रदर्शन किया। उन्होंने पिंजौर ब्लॉक के 21 गांवों की अधिगृहीत की जाने वाली जमीन का मुआवजा बढ़ाकर नेशनल हाइवे द्वारा अधिगृहीत जमीन की मुआवजा राशि के बराबर देने की मांग की। मुआवजा बढ़ाने के लिये लोगों ने सांसद रतन लाल कटारिया और उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा। सांसद ने कमेटी सदस्यों से कहा कि मामला पहले से उनकी संज्ञान में है, मुआवजा वृद्धि के लिये वे पूरा जोर लगा देंगे
जानकारी के अनुसार पिंजौर क्षेत्र के लोगों की कमेटी, जिसमें भाग सिंह कैरों, रघबीर सिंह, भीम सिंह, उजागर सिंह, गुरमीत सिंह व रामकरण शामिल थे, द्वारा सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि चंडीगढ़-बद्दी लाइन के लिये रेलवे ने 3 मार्च 2021 को कालका तहसील के तहत आने वाले करीब 21 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया था। मुआवजा राशि का ऐलान 11 नवंबर को डीआरओ अम्बाला ने किया। उन्होंने बताया कि मुआवजा राशि 45 लाख से लेकर ढाई करोड़ प्रति एकड़ के बीच निश्चित की गई है जो काफी कम है।
उन्होंने बताया कि अधिग्रहण के बाद कई किसानों के उपजाऊ खेत की जमीन दो हिस्सों में बंट गई है। आरपार जाने के लिये किसी रास्ते का प्रावधान भी नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि एनएचएआई ने जब पिंजौर-बद्दी के रोड को चौड़ा करने के लिये जमीन का अधिग्रहण किया, तब मुआवजा राशि साढ़े चार करोड़ से लेकर 8 करोड़ 70 लाख रुपये तक दी गई थी लेकिन रेलवे द्वारा अधिगृहीत जमीन का मुआवजा बहुत ही कम है। मांग की गई कि मुआवजा कम से कम एनएचएआई द्वारा अधिगृहीत की गई जमीन के बराबर तो
दिया जाये।