मोहाली, 11 दिसंबर(हप्र)
प्राइवेट कॉलेज नॉन-टीचिंग इंप्लाइज यूनियन के कर्मचारी पंजाब की कथित कर्मचारी विरोधी नीतियों के कारण लंबे समय से नारकीय जीवन जी रहे हैं। सरकार जायज मांगों को नहीं मान रही है और वे आंदोलन करने को मजबूर हैं। इसी के तहत यूनियन ने 15 दिसंबर को डीपीआई (कॉलेज) मोहाली कार्यालय के सामने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। आज यहां मोहाली में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान बोलते हुए एडिड कॉलेज यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष राजीव शर्मा और महासचिव जगदीप सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने 1.9.1978 को (वेतन-समता) घोषणा की थी कि सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के कर्मचारियों को भी सरकारी महाविद्यालयों के गैर-शिक्षण कर्मचारियों के समान वेतन मिलेगा। लेकिन सरकार पिछले दो वर्षों से सरकारी कॉलेजों के गैर शिक्षक कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए उन्हें छठा वेतन आयोग और लाभ दे रही है, जबकि हमें इस लाभ से वंचित रखा गया है, जो हमारे साथ सरासर ज्यादती है। नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा बार-बार संबंधित कॉलेजों से डाटा की मांग करना यह दर्शाता है कि वह टालमटोल की नीति अपना रही है।
नेताओं ने आगे कहा कि इस संबंध में वे पंजाब की आप सरकार के उच्च शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा से मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला। उन्होंने कहा कि इन कॉलेजों में लगभग 2600 पद हैं, जिनमें से केवल 825 कर्मचारी ही कार्यरत हैं। जबकि बाकी पदों पर सरकार ने रोक लगा दी है। यहीं नहीं बल्कि 5वें वेतन आयोग में भी इस वर्ग को संशोधित वेतनमान, आवास और चिकित्सा भत्ते का पूरा लाभ नहीं दिया गया।
इन नेताओं ने ऐलान किया कि सरकार के कर्मचारी विरोधी कार्यों को देखने के बाद उन्हें मजबूरन संघर्ष करना पड़ेगा। इसीलिये संगठन ने निर्णय किया है कि सहायता प्राप्त कॉलेजों को बंद करके 15 दिसंबर 2023 को सुबह 11 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक डीपीआई (कॉलेज) मोहाली कार्यालय के सामने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जाएगा।
इस मौके पर संस्था के सलाहकार सविंदर सिंह गोला, रवि मैनी, दीपक शर्मा, निर्मल कौर, अमरीक सिंह राजला, प्रेम सिंह सुप्रिंटेंडेंट, हरविंदर सिंह, सरबजीत सिंह, रविंदर कुमार, रविंदरजीत सिंह विर्क, बचितर सिंह, तेजिंदर सिंह , नवदीप सिंह आदि उपस्थित थे।