चंडीगढ़/संगरूर, 8 नवंबर (ट्रिन्यू/निस)
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की खंडपीठ ने महिलाओं के लिये दोपहिया वाहन पर बिना हेलमेट सवारी करके कानून की धज्जियां उड़ाये जाने का स्वत: संज्ञान लेते हुए पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ में इसे लेकर किये गये चालानों का ब्योरा तलब किया है। कोर्ट ने संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश से विस्तृत रिपोर्ट जमा कराने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया, जिसमें हाईकोर्ट ने सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाली महिलाओं की बढ़ती संख्या पर संज्ञान लिया था। जानकारी के मुताबिक, छह साल पहले भी चंडीगढ़ में सिख महिलाओं के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किया गया था। लेकिन सिख संगठनों के विरोध के कारण केंद्र सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया था। 15 फरवरी 2022 से प्रभावी मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन का जिक्र करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि पगड़ी पहनने वाले सिख को छोड़कर हर किसी के लिए दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना जरूरी है।