पंचकूला, 8 सितंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की ओर से आज मांगों को लेकर यहां शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व राज्य प्रधान धर्मेंद्र ढांडा ने किया। शिक्षक करीब चार बजे तक निदेशालय के मुख्य गेट पर नारेबाजी करते रहे। सेकेंडरी और मौलिक शिक्षा निदेशक ने अध्यापक संघ के नेताओं को 9 सितंबर को बातचीत के लिये बुलाया है। इसके बाद ही प्रदर्शन खत्म किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के आह्वान पर आज बड़ी संख्या में शिक्षक यहां पहुंचे और प्रदर्शन में भाग लिया। अध्यापक संघ के मुख्य सलाहकार सीएन भारती ने इस मौके पर कहा कि शिक्षकों के जो मामले हफ्ते, महीने में निपटाये जाने चाहियें वे सालों तक लटकते रहते हैं। सरकार तबादला नीति बनाने का खूब ढिंढोरा पीट रही है पर इस नीति से सर्वाधिक परेशान अध्यापक हैं। प्राथमिक अध्यापकों के तबादले हुए 5 वर्ष से अधिक हो गए हैं परंतु अधिकारी खामोश हैं। शिक्षकों के विभिन्न वर्गों की पदोन्नति सूचियां जारी नहीं की जा रही हैं जबकि विभाग के पास एचआरएमएस पर पूरा डाटा उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि गत दिनों मुश्किल से 700 प्राचार्य पदोन्नति किए थे पर वे अब न घर के रहे न घाट के। अभी न ही लेक्चरर का काम कर रहे हैं और न ही प्रिंसिपल की कुर्सी नसीब हुई। पदोन्नत प्रिंसिपल जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में खाली बैठे हैं। सभी का ऊपर से वेतन भी नहीं निकल रहा है।
इसी प्रकार पंजाबी प्राध्यापकों की पदोन्नति 15 साल से नहीं की जा रही है। वर्ष 2017 में जो जेबीटी अध्यापक लगे थे, उन्हें अभी तक स्थायी जिले नहीं दिये गये हैं।
निदेशालय का मुख्य गेट बंद करके लगाया जाम
अध्यापक संघ के मुख्य सलाहकार सीएन भारती के अुनसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, केवल निजीकरण का एक रास्ता है। आज दोनों निदेशक कार्यालय में मौजूद नहीं थे। न ही उन्होंने अध्यापक संघ को मिलने का समय दिया। जब अध्यापक संघ के कार्यकर्ताओं ने निदेशालय का मुख्य गेट बंद कर दिया और वहां नारेबाजी कर जाम लगाया, तब जाकर दबाब में दोनों निदेशकों ने कल बैठक के लिए समय दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक अध्यापकों व विद्यार्थियों को न्याय नहीं मिलेगा और जन शिक्षा का विस्तार नहीं होगा, आंदोलन जारी रहेगा।